प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली: बीमार का कारण गंदगी भी है। लोगों को उपचार देने वाले अस्पताल ही साफ नहीं रहेंगे तो रोगी के साथ तीमारदार भी बीमारी पड़ जाएंगे। ऐसा हाल लोक नायक अस्पताल का भी है। यहां वार्ड के शौचालयों को छोड़ दिया जाए तो कहीं भी सफाई दिखाई नहीं देती। यही स्थिति दिल्ली के अन्य अस्पतालों की भी है।
बुधवार को मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक संदेश को साझा करते हुए बार जीटीबी अस्पताल के शौचालयों में फैली गंदगी की ओर स्वास्थ्य मंत्री हाल का ध्यान आकर्षित कराया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शौचालयों की सफाई कराए जाने की बात एक्स पर लिखी थी। लेकिन, मामला एक अस्पताल पड़े का नहीं है। लोक नायक अस्पताल हो में शौचालयों की स्थिति काफी बदहाल है। अस्पताल की इमरजेंसी, ओपीडी और अलग-अलग वार्ड में की शौचालय हैं। वार्ड और इमरजेंसी के शौचालयों की सफाई नियमित होती न है, लेकिन ओपीडी और वार्ड के कामन शौचालयों की हालत काफी खराब रहती है। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि यहां मरीज बड़ी तादाद में आते हैं। भर्ती होने के लिए हो या ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या हर रोज सात आठ हजार होती है। इसलिए शौचालयों को हर घंटे साफ करने की जरूरत है, लेकिन सफाई कर्मचारियों की संख्या उतनी नहीं है कि सही से सफाई हो सके।
फरजान के मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि विशेष कमरों के वार्ड के शौचालयों में दो सफाई होती है। लेकिन, आम लोगों के लिए बने शौचालयों का बुरा है। यहां सफाई की व्यवस्था बदहाल है। ओपीडी में आने वाले एक मरीज ने बताया कि आपकी बारी आने में घंटों का समय लगता है। इस दौरान वाशरूम जाना तो गंदगी को देखकर मुश्किल जाती है। डर लगता है कि कहीं बीमार न हो जाएं। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि वे शौचालयों सफाई ठीक से कराएं, ताकि मरीजों और तीमारदारों को परेशानी हो। शौचालयों की सफाई को लेकर एलएन अस्पताल के निदेशक डा. सुरेश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।