नेपाल के दोती जिले में मंगलवार देर रात तेज भूकंप के बाद एक घर गिरने से छह लोगों की मौत हो गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक 6.3 की तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र नेपाल में ही था. भूकंप 9 नवंबर देर रात करीब 1.57 बजे आया. इसकी गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी. एपिसेंटर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर पूर्व-दक्षिण-पूर्व नेपाल के मणिपुर में रहा. इसका असर भारत में भी पड़ा. दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. सेना की ओर से भूकंप प्रभावित इलाकों में सर्च ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है.
नेपाल के दोती के डीएसपी भोला भट्टा ने जानकारी दी है कि मरने वालों में 8 साल का लड़का, 13 साल की लड़की, 14-14 साल की 2 लड़कियां, 40 साल की महिला और एक 50 साल का आदमी शामिल है. ये सभी गैरा गांव के रहने वाले थे. वहीं नेपाल की सेना ने भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम शुरू किया है.
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में मंगलवार देर रात करीब 1.57 भूकंप आने से लोग डर गए. इस वक्त आमतौर पर लोग सो जाते हैं. जिसको भी इसके बारे में पता चला उसने तुरंत अपने करीबियों को फोन कर सतर्क किया. आधी रात लोग घर छोड़कर नीचे चले गए. नेपाल के दोती जिले में भूकंप के कारण एक घर गिर गया, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई. राजधानी दिल्ली में 5.7 की तीव्रता के झटके महसूस किए गए. राजधानी के कई इलाकों में रात लगभग 1.57 बजे लोग इन भूकंप के झटकों से अचानक जगे.
दिल्ली के अलावा हिमाचल और यूपी में भी झटके
दिल्ली के अलावा उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर इस भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. खास बात ये है कि तकरीबन एक मिनट तक धरती हिलती रही. लोग इस कदर डर गए कि रात के समय वो घरों से बाहर निकल गए. आमतौर पर भूकंप के झटके कुछ सेकंडों तक ही पता चलते हैं. एनसीआर के दफ्तर में गार्ड की नौकरी कर रहे एक शख्स ने बताया कि वो कुर्सी पर बैठे हुए थे तभी सामने रखी कुर्सी हिलने लगी. इसके बाद सोफा हिलने लगा तब उन्होंने ऑफिस के अंदर जाकर देखा तो सारे कंम्प्यूटर भी हिल रहे थे. तब उनको लगा की भूकंप है और वो तेजी से बिल्डिंग छोड़कर नीचे गए.