शूरवीर सिंह नेगी
नई दिल्ली। डेढ़ दर्जन से भी अधिक दलों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाकर नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने का बीड़ा उठाया था, लेकिन चुनावी नतीजे बताते हैं कि वे अपनी मंशा में सफल नहीं हो पाए। उनका ‘इंडिया’ समूह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन, यानी राजग से पार नहीं पा सका। भले ही इंडिया दंभ भर रहा हो, लेकिन सच यही है कि नरेंद्र मोदी अकेले सब पर भारी रहे। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस शतक के करीब तक पहुंच गई और अखिलेश यादव ने भी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक नई ऊंचाई दे दी। उधर, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस भाजपा से सीटें छीनने में सफल रही और द्रमुक ने दक्षिण में अपना दमखम दिखाया।
बहुमत को खैर दूर की बात
फिर भी, अकेली भाजपा सब दलों से आगे रही है। अकेले उसे इतनी सीटें आई हैं, जितनी ये तमाम पार्टियां मिलकर भी नहीं जुटा पाईं। और ‘इंडिया’ ब्लॉक तो 250 का आंकड़ा भी नहीं पार कर सका, बहुमत को खैर दूर की बात है। स्पष्ट है, तमाम प्रयासों के बावजूद नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल की ओर बढ़ गए हैं और उन्होंने उन सबको करारा जवाब दिया है, जो कहते थे कि संविधान खतरे में है या आरक्षण का लाभ छीना जा सकता है। अब सबको साफ हो जाना चाहिए कि न आरक्षण खत्म किया जा रहा है, न संविधान बदला जा रहा है।