नई दिल्ली। जल्द ही टेलीविजन स्क्रीन पर देश में खराब मौसम की घटनाओं के बारे में चेतावनी संदेश प्रसारित होंगे। यही नहीं, इस अलर्ट के लिए रास्ता बनाने को रेडियो पर चल रहे गानों को भी छोटा कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए, NDMA) ने हाल ही में मोबाइल फोन पर एसएमएस भेजना शुरू किया है। इस एसएमएस में भारी वर्षा, आंधी एवं लू की जानकारी दी जा जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, अब यह सूचना टीवी, रेडियो और अन्य माध्यमों के लिए चेतावनी प्रणाली का विस्तार करने की योजना बनाई जा रही है। ऐसा इसलिए ताकि लोगों को तुरंत सूचित किया जा सके और खराब मौसम से निपटने के लिए उन्हें बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके।
एनडीएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘एसएमएस प्रणाली इस परियोजना के पहले चरण का हिस्सा है। टीवी, रेडियो व अन्य माध्यमों को दूसरे चरण में शामिल किया जा रहा है, जिसे इस साल के अंत तक लागू किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और संचार के सम्मिश्रण के साथ, एनडीएमए का उद्देश्य टेक्स्ट-आधारित चेतावनियों की सीमाओं को पार करना है। इससे पहले, एनडीएमए ‘राष्ट्रीय आपदा चेतावनी पोर्टल’ व “सचेत” नामक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से ऐसी प्रारंभिक चेतावनियां जारी करता था।
एजेंसी ने मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और भारतीय वन सर्वेक्षण, चेतावनी प्रसार एजेंसियों और राज्य सहित अलर्ट पैदा करने वाली एजेंसियों को एक साथ लाने के लिए “कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल आधारित इंटीग्रेटेड अलर्ट सिस्टम” की परिकल्पना की थी।
एनडीएमए के एक अन्य अधिकारी ने कहा, “यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रारंभिक चेतावनी कार्यक्रम है। लोगों को वॉट्सएप, ईमेल या एसएमएस समूहों की सदस्यता लेने की आवश्यकता नहीं है। आपको स्वचालित रूप से अलर्ट मिल जाएगा।” संदेशों को स्थानीय भाषा सहित दो भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा, जो लोगों को गंभीर मौसम की घटना के बारे में सचेत करेगा। उन्होंने कहा कि आगे चलकर इस तरह के अलर्ट मिलने पर मोबाइल फोन वाइब्रेट करेंगे।
अधिकारी ने कहा, “यदि आप टेलीविजन देख रहे हैं, तो टीवी स्क्रीन चेतावनी संदेश फ्लैश करेगी और आडियो भी होगा। यदि आप रेडियो पर कोई गाना सुन रहे हैं, तो इसे छोटा कर दिया जाएगा और अलर्ट प्रसारित हो जाएगा। ”उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत एकमात्र ऐसा देश होगा जिसके पास सामान्य चेतावनी प्रोटोकॉल होगा।