नई दिल्ली: भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अब तक दो लिस्टों में कुल 267 उम्मीदवारों की घोषणा की है. खास बात यह है कि 21 प्रतिशत मौजूदा सांसदों को उनकी सीट से दोबारा टिकट नहीं दिया गया है. रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि सत्ता विरोधी लहर (Anti-Incumbency) को ध्यान में रखते हुए भगवा दल ने यह रणनीति तैयार की है. इसके अलावा ग्राउंड से आए फीडबैक के आधार पर अंतिम निर्णय लिया गया. इससे जुड़ी अगली वजह जिताऊ कैंडिडेट का होना है. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में 370 सीटों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भाजपा कहीं से कोई चूक नहीं चाहती है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण उम्मीदवारों का सिलेक्शन होता है.
प्रज्ञा, बिधूड़ी, प्रवेश को टिकट नहीं
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटें जीती थीं. इस बार वह 67 सीटें और जीतने का टारगेट बनाकर चल रही है. 195 कैंडिडेट की पहली लिस्ट 2 मार्च को आई थी, जिसमें देखा गया कि 33 सांसदों की जगह नए चेहरों को मौका मिला. प्रज्ञा ठाकुर, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा को भी लोकसभा का टिकट नहीं मिला है. इन सबके साथ कुछ न कुछ निगेटिव जुड़ा हुआ है. ये पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान विवादों में रहे हैं. कल जो 72 उम्मीदवारों की लिस्ट आई है उसमें 30 सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाया गया.
हालांकि दोनों लिस्टों में घोषित 267 नामों में ज्यादातर सांसदों पर फिर से भरोसा जताया गया है. हां, 140 सांसदों को फिर से मौका मिला है जबकि 67 सांसदों की छुट्टी हो गई है. गौतम गंभीर समेत दो सांसदों ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी. गंभीर की जगह ईस्ट दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा को उतारा गया है.
दूसरी लिस्ट में महाराष्ट्र और कर्नाटक से 20-20 नाम सामने आए हैं. गुजरात से सात, तेलंगाना और हरियाणा से 6-6, मध्य प्रदेश से पांच; दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से 2-2 कैंडिडेट और दादर एवं नगर हवेली से एक उम्मीदवार की घोषणा हुई है.
दिल्ली में दिलचस्प सीन
हां, राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी ने छह सांसदों को टिकट नहीं दिया. केवल मनोज तिवारी को फिर से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा रहा है. इसकी वजह ग्राउंड से मिला फीडबैक ही है.
कर्नाटक में सीधा समीकरण
यहां घोषित 20 उम्मीदवारों में 11 सांसदों को बिठा दिया गया है जबकि केवल 8 सांसदों को फिर से टिकट मिला है.
महाराष्ट्र की कहानी
हां, यहां सीट शेयरिंग को लेकर काफी पेंच फंसा था. यहां की कहानी थोड़ी उल्टी है. यहां 14 सांसदों को फिर से टिकट दिया गया है और केवल पांच सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है. महाराष्ट्र में भाजपा के जिन सांसदों को फिर से टिकट मिला है उनमें नितिन गडकरी को नागपुर, बीड से प्रीतम मुंडे की जगह पंकजा मुंडे शामिल हैं.
गुजरात और बाकी राज्यों का हाल
– दूसरी सूची में गुजरात के सात मौजूदा सांसदों में से केवल तीन को ही रिपीट किया गया है. केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश की जगह सूरत से मुकेश दलाल को टिकट मिला है.
– दूसरी लिस्ट में हरियाणा से घोषित छह उम्मीदवारों में से तीन मौजूदा सांसदों को फिर से मौका मिला है जबकि दो को बदल दिया गया है. पूर्व सीएम खट्टर करनाल से चुनाव लड़ रहे हैं.
– तेलंगाना में भाजपा ने पिछली बार केवल चार सीटें जीती थीं. वहां एक सांसद को दोबारा टिकट दिया गया है और एक का टिकट कैंसल हो गया है.
– दूसरी लिस्ट में घोषित एमपी के पांच उम्मीदवारों में दो सांसदों को फिर से टिकट मिला है जबकि दो को हटा दिया गया है. एक नए उम्मीदवार विवेक साहू को छिंदवाड़ा सीट पर नकुल नाथ के खिलाफ मैदान में उतारा गया है. 2019 में भाजपा राज्य की यही एक सीट हारी थी.
– दूसरी लिस्ट में घोषित हिमाचल के दोनों सांसदों को फिर से टिकट मिला है, जिसमें हमीरपुर से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी शामिल हैं. उधर, उत्तराखंड से दोनों को बदल दिया गया है. गढ़वाल से अनिल बलूनी और हरिद्वार से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत मैदान में हैं.
– त्रिपुरा में एक सांसद को बदला गया है जबकि दादर एवं नगर हवेली के सांसद अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. वह पहले शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के साथ थे.