भारतीय पंचांग में गुरु पुष्य और रवि पुष्य योग अत्यंत लाभदायक बताए गए हैं। बृहस्पतिवार को पुष्य नक्षत्र होने से गुरु पुष्य योग होता है और रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से रवि पुष्य योग होता है। 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसकी विशेषता यह है कि यह जिस दिन होता है उस दिन के अनुरूप शुभ परिणाम देता है। इस बार आठ जनवरी को रविवार को पुष्य नक्षत्र पूरे 24 घंटे रहेगा। इस नक्षत्र में वैवाहिक कार्य को छोड़कर अन्य सभी शुभ कार्य बहुत ही उत्तम फलदायक होते हैं। रवि पुष्य योग में नया व्यापार शुरू करना गृह प्रवेश, नींव पूजन, धन निवेश एवं भूमि भवन की खरीदारी उत्तम रहती है। इसके वस्त्र और आभूषण खरीदना भी बहुत ही शुभ रहता है।
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रवि पुष्य योग में मंत्र सिद्धि भी बहुत शीघ्रता से होती है। अपने इष्ट का मंत्र जपने से साधक वाक् सिद्धि प्राप्त कर लेता है। कोई विशेष मंत्र का अनुष्ठान एवं जाप का आयोजन भी शीघ्र फलदायक होता है। माघ मास में बन रहे रवि पुष्य योग में योग्य पात्र को दान देना भी बहुत ही पुण्य फलदायक है। गरीब, मजदूर व्यक्ति को भोजन कराना एवं वस्त्र दान करना बहुत पुण्य कार्य होता है। कहा जाता है कि इस दिन दान करने से कई गुना फल मिलता है। इस दिन तीर्थ क्षेत्रों अथवा पवित्र नदियों में स्नान करना भी उत्तम माना गया है। आठ जनवरी को बन रहे रवि पुष्य योग वर्ष 2023 का पहला रवि पुष्य योग है। इस वर्ष कुल पांच बार रवि पुष्य आएंगे जिसमें 5 फरवरी, 10 सितंबर, 6 अक्टूबर और 5 नवंबर भी शामिल हैं। रवि पुष्य योग अथवा गुरु पुष्य योग में विवाह करना शुभ माना गया है। इसके अतिरिक्त सभी कार्य अत्यंत शुभ होते हैं।