नई दिल्ली। भारत के टेलीकॉम सेक्टर में जल्द ही एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक की एंट्री होने जा रही है। स्टारलिंक ने भारती एयरटेल और जियो के साथ डील साइन कर ली है। स्टारलिंक सैटेलाइट सिस्टम से हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मशहूर है। स्टारलिंक दुनिया का सबसे बड़ा सैटेलाइट नेटवर्क है। तो आइए जानते हैं भारत में इसकी एंट्री से आम लोगों को क्या फायदे होने की संभावना है?
रिमोट एरिया में चलेगा इंटरनेट
भारत में आज भी कई गांव और खासकर पहाड़ी इलाके इंटरनेट से कोसों दूर हैं। हालांकि स्टारलिंक सैटेलाइट की मदद से दुनिया की किसी भी जगह पर इंटरनेट पहुंचा सकती है। ऐसे में स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट से कई स्कूलों और अस्पतालों को इससे फायदा मिलेगा।
बाढ़-भूकंप में मिलेगी मदद
प्राकृतिक आपदाओं में अक्सर इंटरनेट सर्विस ठप पड़ जाती है। पहाड़ों पर आई बाढ़ से लेकर भूकंप का पहला असर इंटरनेट पर होता है। हालांकि स्टारलिंक सैटेलाइट की मदद से इंटरनेट मुहैया करवाती है। ऐसे में आपदा के समय इंटरनेट सुविधा बंद नहीं होती और इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में भी मदद मिल सकती है।
कम समय में तेज इंटरनेट सेवा
स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस अपनी स्पीड के लिए भी पूरी दुनिया में मशहूर है। स्टारलिंक 20-40 ms की लो लेटेंसी (सैटेलाइट से धरती तक इंटरनेट पहुंचाने का समय) पर काम करता है। इससे गेमिंग, वीडियो कॉलिंग और ऑनलाइन एजुकेशन काफी हद तक आसान हो सकती है।
कितना होगा खर्चा?
अब सवाल यह है कि स्टारलिंक अगर भारत में लॉन्च होता है, तो सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लेने में कुल कितना खर्चा आएगा। स्टारलिंक, जियो या एयरटेल ने अभी तक इसके रिचार्ज प्लान शेयर नहीं किए हैं। मगर अमेरिकी सब्सक्रिप्शन के मुताबित इसका हार्डवेयर 499 डॉलर (43,000 रुपए) में आता है। वहीं स्टारलिंक का मासिक सब्सक्रिप्शन 110 डॉलर (9,000 रुपए) है।