नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को फटकार लगाई। कोर्ट ने ऐसा सुपरटेक चेयरमैन आरके अरोड़ा के डॉक्टर्स से व्यक्तिगत सवाल पूछने पर किया। सुपरटेक चेयरमैन ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत याचिका दायर की है। कोर्ट ने एजेंसी से कहा कि उसे ‘हाई लेवल के प्रोफेशनल स्टैंडर्ड’ दिखाने चाहिए और डॉक्टर्स के पेशे का सम्मान करना चाहिए। अदालत अरोड़ा द्वारा दाखिल आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें मेडिकल और हेल्थ आधार पर अंतरिम जमानत को 90 दिनों की अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ाने की मांग की गई थी।
अरोड़ा के वकील तनवीर अहमद मीर ने कोर्ट में शिकायत की कि इलाज करने वाले डॉक्टर्स को एजेंसी के अधिकारियों ने परेशान करने और अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के लिए सात घंटे तक पूछताछ की। एक डॉक्टर से पूछे गए सवालों की फेहरिस्त देखकर जज ने कहा कि ईडी ने इलाज करने वाले डॉक्टर्स से कुछ व्यक्तिगत सवाल पूछे थे जिनका अरोड़ा के मेडिकल ट्रीटमेंट रिकॉर्ड के वेरिफिकेशन से कोई लेना-देना नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर्स और उनके परिवार के सदस्यों की व्यक्तिगत जानकारी के बारे में सवाल पूछना गलत है क्योंकि उन्हें आरोपी के मेडिकल ट्रीटमेंट रिकॉर्ड से कोई मतलब नहीं हो सकता। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) देवेंद्र कुमार जांगला ने अपने आदेश में कहा, ‘प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों से सख्ती से निपटने के लिए गठित की गई एक प्रमुख जांच एजेंसी है। इसलिए, उससे हाई लेवल के प्रोफेशनल स्टैंडर्ड दिखाने की उम्मीद की जाती है।’
कोर्ट ने कहा कि उसे उम्मीद है कि एजेंसी मेडिकल प्रोफेशमल के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करेगी। एएसजे जांगला ने कहा, ‘इलाज करने वाले डॉक्टर मेडिकल प्रोफेशनल हैं। इसलिए, उनके साथ बहुत सम्मान और पेशेवर तरीके से व्यवहार करने की जरूरत है।’ जज ने ईडी के विशेष वकील से एजेंसी के अधिकारियों को सही सलाह देने को कहा। अदालत ने कहा, ‘प्रवर्तन निदेशालय के विशेष वकील से अनुरोध है कि वह अपने जांच अधिकारियों को चिकित्सा/मेडिकल रिकॉर्ड के सत्यापन के समय, जब आवश्यक हो, छोड़कर इलाज करने वाले डॉक्टरों या मेडिकल प्रोफेशनल की व्यक्तिगत जानकारी मांगने से बचें।’