नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव के बाद सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल पर टिकी हैं. बंगाल जहां ममता बनर्जी की अगुवाई में टीएमसी का एकछत्र राज है. उस बंगाल में जहां राज्यपाल और CM के बीच सालों से तलवारें खिंची है. पूर्ववर्ती गवर्नर से भी उनका 36 का आंकड़ा रह चुका है. इस बीच खबर आई कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पश्चिम बंगाल की विधानसभा में भाषण देने की इच्छा जताई है. इस सिलिसिले में उनके सचिव सुनील गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से मुलाकात की है.
बंगाल विधानसभा सत्र क्यों संबोधित करना चाहते हैं जगदीप धनखड़?
बहुत से लोग ये जानकर हैरान रह गए कि इसी सत्र के बीच उप राष्ट्रपति के भाषण के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा. साफ है कि उपराष्ट्रपति पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करना चाहते हैं. तीर कमान से निकल चुका है, फैसला स्पीकर को लेना है, जाहिर है कि इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रुख भी ध्यान में रखा गया होगा.
सियासी या सांकेतिक?
उपराष्ट्रपति का यह कदम क्या कोई सियासी संकेत दे रहा है. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि ये एक सांकेतिक कदम हो सकता है, जिसमें उप राष्ट्रपति ने राज्य विधानसभा के माध्यम से कोई संदेश देने की कोशिश की हो.
हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक बयान या स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, कि वो किसलिए बंगाल विधानसभा का सत्र संबोधित करना चाहते हैं. लेकिन उनके इस अनुरोध को राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि विशेष सत्र में उप राष्ट्रपति के भाषण के दौरान वो किस मुद्दे पर बात करते हैं और इस कदम के पीछे की वास्तविक मंशा क्या है?
दूसरी ओर विधानसभा सत्र को संबोधित करने के दौरान अगर वो ममता बनर्जी की सरकार के किसी काम की तारीफ कर दें और ममता उसपर ताली बजाकर खुशी जताने लगें तब भी ये बात बहुत से लोगों की समझ से परे होगी. क्योंकि राज्यसभा के सभापति के रूप में धनखड़ के विपक्ष के साथ तल्ख रिश्ते बने हुए हैं. पश्चिम बंगाल के लिए उनका ये अनुरोध उस समय आया है जब बीजेपी ने हाल ही दिल्ली विधानसभा चुनाव जीता है.
इस बीच सूत्रों ने कहा है कि धनखड़ साफ कह चुके हैं कि वो अपने संबोधन में टीएमसी सरकार की लाइन के खिलाफ नहीं जाएंगे.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ममता सरकार ने अब तक धनखड़ के अनुरोध पर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. इस बीच संसदीय कार्य मंत्री शोवनदेव चट्टोपाध्याय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया है. उधर बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘हमें मीडिया से पता चला कि उपराष्ट्रपति विधानसभा को संबोधित करना चाहते हैं. वह महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं. उम्मीद है वो अपनी बात कहेंगे, किसी का लिखा भाषण नहीं पढ़ेंगे.’