नई दिल्ली: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी पार्टियों के नेताओं का जुटान शुरू हो गया है. लगभग दो दर्जन पार्टियों के नेता इस दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. चर्चा है कि इस मीटिंग में नए गठबंधन के नाम और गठबंधन के संयोजक के नाम पर फैसला हो सकता है. इसके अलावा, अलग-अलग राज्यों में सीटों के बंटवारे को लेकर भी चर्चा हो सकती है. कहा जा रहा है कि 2024 में यह गठबंधन यूपीए के बजाय नए नाम के साथ उतरेगा. साथ ही, लोकसभा चुनाव के लिए साझा कार्यक्रम तय किया जाएगा और कोशिश की जाएगी कि लगभग 400 लोकसभा सीटों पर बीजेपी के गठबंधन के सामने इस नए गठबंधन की ओर से सिर्फ एक ही उम्मीदवार उतरे और वोटों का बंटवारा रोका जाए.
2004 से 2014 के बीच कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए-1 और यूपीए-2 की सरकार चली. उस सरकार में भी टीएमसी, आरजेडी, एनसीपी और डीएमके जैसी पार्टियां सहयोगी दल के रूप में शामिल थीं. तब यूपीए की संयोजक सोनिया गांधी थीं. इस बार चर्चा है कि गठबंधन का नाम भी बदला जाएगा और नेता भी नया चुना जाएगा. इस गठबंधन के संयोजक के तौर पर सबसे आगे जिस नेता का नाम है, वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. इसके अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और एनसीपी नेता शरद पवार के नाम पर भी चर्चा हो रही है.
एजेंडा तय करेंगे विपक्षी दल
दो दिन की इस मीटिंग में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष अपना एक कॉमन प्रोग्राम, कॉमन एजेंडा और अहम मुद्दे तय करेगा. उन्हीं मुद्दों के आधार पर विपक्ष सीटों का बंटवारा करेगा. इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया जा सकता है. यही कमेटी रैलियों, सम्मेलनों और आंदोलनों की भूमिका तय करेगी. मीटिंग के आखिर में 18 जुलाई को एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी, जिसमें इस मीटिंग के अहम बिंदुओं को सार्वजनिक किया जाएगा.
इस मीटिंग में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल, एम के स्टालिन, हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी सरीखे नेता शामिल हो रहे हैं. दूसरी तरफ, मंगलवार को एनडीए की बैठक भी होनी है.