सभी ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य देव को रविवार का दिन समर्पित है. कलयुग में सूर्य देव की एक मात्र ऐसे देवता हैं, जो भक्तों को नियमित रूप से साक्षात दर्शन देते हैं. सूर्य देव की पूजा का विश्ष महत्व है. नियमित रूप से सूर्य देव को जय अर्पित करने से व्यक्ति के मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है और जीवन में शांति और खुशहाली आती है.
शास्त्रों में सूर्य देव को जीवन, सेहत औक शक्ति के देवता के तौर पर जाना जाता है. केवल रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने से सप्ताह के सातों दिन जितना पुण्य फल की प्राप्ति होती है. कल रविवार के दिन आप भी सूर्य देव की इस विधि से करें पूजा और पढ़ें ये आरती. जानें सूर्य देव की पूजा का महत्व.
सूर्य देव की पूजा विधि
मान्यता है सूर्य देव की पूजन के लिए सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है. सूर्य देव की पूजा से भाग्य का उदय होता है. भगवान सूर्य देव को धूप,दीप औप पुष्प चढ़ाकर पूजा की जाती है. एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें रोली, चावल और लाल रंग के फूल डाल लें और सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके बाद सूर्य देव की आरती करें. सूर्य देव के प्रसन्न होने से सभी अशुभ कार्य शुभ कार्यों में बदल जाते हैं.