हरिद्वार। काष्र्णि पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गुरुशरणानंद महाराज ने कहा है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का चरित्र भारतीय संस्कृति के समष्टी रूप का पर्याय बन चुका है। सारी सृष्टि में रमे श्रीराम युगों से जनता की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। यह बात उन्होंने कनखल स्थित श्री हरेराम आश्रम में आयोजित श्रीराम कथा के अवसर पर कही
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि श्रीराम कथा भारतीय पृष्ठभूमि के सांस्कृतिक आध्यात्मिक एवं अलौकिक आदर्श का प्रतिबिंब बन चुकी है। जिसका श्रवण सभी के लिए सर्वदा हितकारी है। राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि रामकथा भारत की आदि कथा है। जिसे भारतीय संस्कृति का रूपक कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
कथा व्यास विजय कौशल महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आचरण के प्रति दुनिया के 65 देशों में रामकथा की प्रतिष्ठा है। सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देश इंडोनेशिया में श्रीराम नाम का वन्दन करने वाले लाखों अनुयाई हैं। इस मौके पर कथा संयोजक डा. जितेंद्र सिंह, विमल कुमार, स्वामी कृष्ण मुनि, प्रो. प्रेमचंद्र शास्त्री, नीलाम्बर खर्कवाल, रमेश उपाध्याय, रामचंद्र पाण्डेय, हरीश कुमार, डा. अश्वनी चैहान, मयंक गुप्ता, कर्नल राजीव रावत ने फूलमाला पहनाकर सभी संतों का स्वागत किया।