प्रकाश मेहरा
1. पीएम नरेन्द्र मोदी का प्रभाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रचार परिदृश्य पर हावी रहेंगे और भाजपा के तुरुप का इक्का बने रहेंगे। भाजपा की एक और चुनावी जीत मोदी की वाकू कला, राजनीतिक करिश्मे, स्थायी जन अपील और लोकप्रियता पर बहुत अधिक निर्भर करेगी।
2. भ्रष्टाचार/घोटाले: कांग्रेस मौजूदा भाजपा शासन में कथित भ्रष्टाचार को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बना रही है। कुछ महीने पहले कांग्रेस ने प्रदेश भर में शिवराज चौहान सरकार पर 50 फीसदी कमीशनखोरी का आरोपलगाते हुए पोस्टर चिपकाए थे। कांग्रेस ने उज्जैनमें’ महाकाल लोक’ के निर्माण में भी भारी अनियमितता का आरोप • लगाया है। कांग्रेस ने भाजपा शासन के दौरान 250 से ज्यादा बड़े घोटाले भी गिनाए हैं।
3. सत्ता विरोधी लहर : भाजपा मध्य प्रदेश में 2003 से 15 महीने की अवधि (दिसंबर 2018-मार्च 2020) को छोड़कर सता में है, और सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। भाजपा शासन के सभी वर्षों में, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी का चेहरा बने रहे। रणनीति में बदलाव करते हुए, भाजपा ने राज्य में तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार संसद सदस्यों को मैदान में उतारा है, इस कदम को चार बार के मुख्यमंत्री चौहान के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को कुंद करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इतने सारे वरिष्ठ भाजपा नेताओं की मौजूदगी ने मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के लिए मैदान खुला छोड़ दिया है।
4. सिंघिया समर्थकों का भाग्य : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वास्ते अपने सभी प्रमुख समर्थकों के लिए चुनाव • टिकट प्राप्त करना एक कठिन काम है। उन सभी को समर्पित भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की कीमत पर समायोजित करना होगा जो कि निश्चित रूप से नाराजगी पैदा करेगा।