पालमपुर : सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सी एसआईआर) का 83वां स्थापना दिवस समारोह दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को बडे़ हर्षोल्लास से मनाया गया। सन् 1942 में भारत की सबसे बड़ी परिषद, सी एसआईआर, की स्थापना हुई थी और इसे विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक ज्ञान-विज्ञान के लिए विश्व भर में जाना जाता है। संपूर्ण भारत में अपनी 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 आउटरीच केंन्द्रो, एक नवाचार परिसर, एवं तीन यूनिट्स के माध्यम से सी एसआईआर राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दे रहा है।
समारोह के मुख्य अतिथि पद्मभूषण प्रो. आर.एस. परोदा, चेयरमैन, टी ए ए एस एवं पूर्व महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, ने सी एसआईआर को शुभकामनाएं देते हुए संस्थान की शोध गतिविधियों एवं ग्रामीण आर्थिकी के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका एवं योगदान के लिए संस्थान की सराहना की। अपने संबोधन में उन्होंने ‘उत्तरी हिमालय की कृषि जैवविविधता का प्रबन्धन’ विषय पर संभाषण दिया। उन्होने कहा कि विज्ञान ने हमें कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया है। प्रत्येक पौधे में विविध गुण होते हैं जिनका उपयोग कई प्रकार की औषधियों तथा उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है। इनका हमारे दैनिक जीवन में अत्यधिक महत्व है। अतः जैवविविधता का संरक्षण एवं सतत उपयोग होना चाहिए जिस के लिए हम सब को मिलकर कार्य करना होगा।
समारोह के विशिष्ट अतिथि, पद्मभूषण एवं पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी, संस्थापक, हिमालयन पर्यावरण एवं संरक्षण संगठन (हेस्को), देहरादून ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण समय की आवश्यकता है। यदि हम अभी भी जल, भूमि, वायु, वन के प्रति जागरूक न हुए तो भावी पीढ़ी के लिए जीवन बहुत कठिन हो जाएगा। उन्होने पारिस्थितिकी पर विशेष बल दिया तथा हिमालय क्षेत्र की विशिष्ट भौगोलिक एवं सामाजिक जरूरतों पर प्रकाश डाला।
इससे पहले संस्थान के निदेशक डा. सुदेश कुमार यादव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की प्रमुख वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होने जैव-आर्थिकी को बढावा देने में संस्थान के सामर्थ्य तथा नए अवसरों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होने कहा, संस्थान ने पुष्प एवं सगंध फसलों की कृषि तकनीक विकसित करके किसानों एवं उद्यमियों को आत्मनिर्भता की ओर अग्रसर किया हैं। संस्थान जननी सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत पोषण से भरपूर उत्पादों को राज्य सरकार को उपलब्ध करा रहा है। उन्होने कहा, हमारा दायित्व है कि राष्ट्र एवं विश्व की अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में प्रयासरत रहें।
इस अवसर पर सी एसआईआर-आई एच बी टी में 25 वर्ष का सेवा काल पूर्ण करने वाले, तथा इस वर्ष सेवानिवृत्त हुए कार्मिकों का अभिनंदन किया गया। पढ़ाई एवं खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संस्थान के कार्मिकों के बच्चों को भी सम्मानित किया गया। साथ ही साथ संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को दो उद्यमियों तथा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक तथा शोध कार्यो के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किए गए।
इस अवसर पर एक कार्यशाला “ हिमालय में जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य के तहत बागवानी उत्पादन को बनाए रखना” का शुभारंभ भी किया गया।