प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
पंजाब : कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में बीजेपी की कार्यप्रणाली पर खुलकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, “बीजेपी में दिल्ली से फैसले होते हैं, मुझसे सलाह ही नहीं ली जाती…”। यह बयान उन्होंने मोहाली में एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में दिया, जो आज 13 दिसंबर प्रकाशित हुआ। आइए समझते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा ?
अमरिंदर सिंह ने अपने 60 साल के राजनीतिक अनुभव का हवाला देते हुए बताया कि बीजेपी में फैसले पूरी तरह दिल्ली (केंद्रीय नेतृत्व) से लिए जाते हैं। जमीनी स्तर के नेताओं से कोई चर्चा या सलाह नहीं ली जाती। उन्होंने कहा कि “वे खुद को पार्टी पर थोपना नहीं चाहते, लेकिन शीर्ष नेतृत्व से मिलना भी मुश्किल है। इसके विपरीत, उन्होंने कांग्रेस की तारीफ की कि वहां सिस्टम ज्यादा लोकतांत्रिक था—नेताओं से सलाह ली जाती थी और हाईकमान तक पहुंच आसान होती थी। यह बयान बीजेपी में उनकी निराशा को दर्शाता है, खासकर पंजाब की राजनीति को लेकर, जहां वे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
मोदी को पंजाब से खास लगाव
इंटरव्यू में अमरिंदर सिंह ने पंजाब की राजनीति, गठबंधन, कांग्रेस, AAP और सिद्धू परिवार पर खुलकर बात की। यहां कुछ बिंदु हैं बीजेपी-अकाली गठबंधन पर पंजाब में स्थिरता के लिए बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल (SAD) का गठबंधन जरूरी है। बिना गठबंधन के कोई सरकार नहीं बन सकती। उनके अनुभव के आधार पर, दोनों दल अंततः एक साथ आएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की कि मोदी को पंजाब से खास लगाव है और वे राज्य के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि “उन्होंने मोदी को अपनी बीजेपी के प्रति प्रतिबद्धता बता दी है, हालांकि कई राष्ट्रीय नेताओं को वे व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते।”
कांग्रेस में वापसी से इनकार
कांग्रेस में दोबारा शामिल होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। कारण—उन्हें 2021 में मुख्यमंत्री पद से हटाने का दर्द आज भी बरकरार है। अगर सोनिया गांधी व्यक्तिगत रूप से मदद मांगेंगी, तो वे सहायता करेंगे, लेकिन राजनीतिक रूप से नहीं। नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को ‘अस्थिर’ बताया। आरोप लगाया कि नवजोत कौर झूठ बोल रही हैं और कांग्रेस को उन्हें पार्टी से निकाल देना चाहिए। सिद्धू को सलाह दी कि वे राजनीति छोड़कर क्रिकेट कमेंट्री पर ध्यान दें, क्योंकि राजनीति उनका स्वभाव नहीं है।
भारत की सुरक्षा और पंजाब के हित
आम आदमी पार्टी (AAP) का पंजाब में कोई भविष्य नहीं। अगले चुनाव से पहले ही यह टूट जाएगी और उसके वोट दो अंकों तक नहीं पहुंचेंगे। पाकिस्तान भारत में स्थिरता नहीं चाहता। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीजफायर का श्रेय लेने पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की। युद्ध में विमानों का नुकसान सामान्य है, लेकिन ड्रोन की भूमिका अहम रही। उन्होंने कहा कि भारत की सुरक्षा और पंजाब के हित जुड़े हैं, इसलिए लोगों को स्थिरता के लिए बीजेपी पर विचार करना चाहिए।
पंजाब राजनीति में हलचल
यह बयान पंजाब की 2027 विधानसभा चुनावों से पहले आया है, जहां बीजेपी अकाली दल के साथ पुराने गठबंधन को लेकर चर्चा में है। अमरिंदर सिंह 2021 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, लेकिन अब उनकी यह टिप्पणी पार्टी के अंदर असंतोष को उजागर कर रही है। बीजेपी नेताओं की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह पंजाब राजनीति में हलचल मचा सकता है।







