नई दिल्ली l करीब दो साल पहले शुरू हुए कोरोना के कहर में केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे. खासकर दूसरी लहर के दौरान महाराष्ट्र में स्थितियां ज्यादा ही गंभीर हो गई थीं. हालांकि इसके बाद भी शराब के शौकीनों ने दूसरी लहर के दौरान इतनी ज्यादा पी कि अलग ही रिकॉर्ड बन गया. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान महाराष्ट्र में 17,177 करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब बिक कई, जो ठीक साल भर पहले की तुलना में करीब 2,000 करोड़ रुपये ज्यादा है.
ताबड़तोड़ बिक्री के बाद भी टारगेट से पीछे
महाराष्ट्र के एक्साइज डिपार्टमेंट ने बताया कि 2021-22 के दौरान हुई शराब की बिक्री पिछले तीन वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है. यह वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 17 फीसदी ज्यादा भी है. हालांकि इसके बाद भी राज्य का एक्साइज डिपार्टमेंट पिछले वित्त वर्ष के दौरान अपना सेट टारगेट अचीव नहीं कर पाया. एक्साइज डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 18 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया था. पूरे साल में इसका 95 फीसदी की हासिल हो पाया.
इतने लाख लीटर शराब पी गए लोग
एक्साइज डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 में राज्य में करीब 2,157 लाख बल्क लीटर आईएमएफएल (IMFL) की बिक्री हुई थी. कोरोना की पहली लहर से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान यह आंकड़ा गिरकर करीब 1,999 लाख बल्क लीटर पर आ गया. हालांकि इसके अगले साल इसमें तेजी आई और वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य के लोगों ने करीब 2,358 लाख बल्क लीटर आईएमएफएल की खरीदारी कर ली.
बीयर और देसी शराब की बिक्री भी बढ़ी
विभाग ने बताया कि पिछला वित्त वर्ष आईएमएफएल के अलावा बीयर (Beer) और देसी शराब (Country Liquor) के लिए भी अच्छा साबित हुआ. महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब आईएमएफएल के साथ ही बीयर और देसी शराब की भी बिक्री बढ़ी है. आईएमएफएल के मामले में तो बिक्री का लेवल कोरोना महामारी शुरू होने से पहले के लेवल को भी पार कर चुका है. वित्त वर्ष 2020-21 में बीयर की बिक्री राज्य में करीब 22 फीसदी गिर गई थी, जबकि 2021-22 में इसमें करीब 14 फीसदी की तेजी देखने को मिली.
शराब की बिक्री बढ़ने के ये कारण
विभाग के एक अधिकारी के हवाले से खबरों में बताया गया है कि ओवरऑल शराब की बिक्री की बात करें तो 2021-22 में यह 7 से 12 फीसदी तक तेजी हुई. हालांकि इससे पहले 2020-21 में बिक्री में गिरावट आई थी और ऐसा कई सालों में पहली बार हुआ था. उन्होंने कहा कि महामारी की पहली लहर बीत जाने के बाद कई बिजनेस सामान्य होने लग गए. इससे लोगों की शराब खरीद पाने की क्षमता सुधरी और वे लोगों-दोस्तों से मिलने-जुलने लगे. इसी कारण शराब की बिक्री में तेजी देखने को मिली.