रुड़की। तहसील प्रशासन बरसात में बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कार्यों की अभी से तैयारी में लग गया है। एसडीएम ने इसे लेकर लेखपालों की बैठक ली। उन्होंने बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में लोगों को शिफ्ट करने के लिए भवन चिन्हित करने के साथ ही वहां बिजली और पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
लक्सर तहसील क्षेत्र गंगा और सोलानी नदी के बीच में बसा है। इसी कारण तहसील के अधिकांश गांव बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील हैं। अभी बरसात का मौसम शुरू होने में देर है, पर तहसील प्रशासन आपदा आने पर अभी से राहत और बचाव कार्य की तैयारी करने लगा है। मंगलवार को एसडीएम गोपालराम बिनवाल ने तहसील के सारे लेखपालों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि अगर पहले से तैयारी होगी, तो आपदा में जानमाल के नुकसान को कम से कम किया जा सकता है।
उन्होंने संवेदनशील गांवों के पूर्व प्रधान, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्य सहित सभी जनप्रतिनिधियों के मोबाइल नंबर मुहैया कराने और चिकित्सा, पुलिस व आपूर्ति विभाग के स्थानीय अधिकारियों के भी संपर्क में रहने के निर्देश दिए। ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें बुलाया जा सके। कहा कि जो गांव अति संवेदनशील की श्रेणी में है। बाढ़ आने पर उन्हें गांव से निकालकर सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करना पड़ सकता है। एसडीएम ने ऐसी स्थिति में राहत शिविर बनाने के लिए अभी से भवन चिन्हित करने के निर्देश भी लेखपालों को दिए। कहा कि राहत शिविर के लिए चिन्हित भवन में पीने का पानी और बिजली जैसी सुविधाओं को अभी से दुरुस्त करके रखना है। बैठक में नायब तहसीलदार रमेशचंद्र नौटियाल, आरके आलोक खरे, कानूनगो अनिल कांबोज के साथ दाउद अली, प्रवीण चौहान, नीरज तोमर, अंजू कांबोज, दीपक कुमार और संदीप कुमार आदि लेखपाल मौजूद रहे।