नई दिल्ली, 05 जुलाई ( आरएनएस) । भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली में 53 मंदिरों को तोडऩे की अनुमति मांगी है, जिसको लेकर दिल्ली विधानसभा में आज आम आदमी पार्टी के विधायकों ने निंदा प्रस्ताव पास किया है। आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे ने निंदा प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, हनुमान जी, शंकर भगवान, दुर्गा मां, साईं बाबा के एक-दो नहीं बल्कि कुल 53 मंदिरों को तोडऩे के लिए चिठ्ठी लिखी है। भाजपा ने बनारस, अयोध्या में मंदिर तोड़े और उसके बाद दिल्ली में भी भाजपा 53 मंदिरों को तोडऩे की कोशिश में लगी है। अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने दिल्ली की जनता और देश की जनता से माफी मांगने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं है। इस निंदा प्रस्ताव का समर्थन करते हुए विधायक आतिशी ने कहा कि भाजपा के भ्रष्टाचार की हवस इतनी ज्यादा है कि यह मकान, दुकान और छज्जे पर नहीं रूके बल्कि जिस तरह के नोटिस दुकानों, मकानों को दे रहे थे, उसी तरह के नोटिस मंदिरों को दिए हैं। भाजपा के नेताओं ने मदिरों को कहा कि अगर तुमने हमें अपने दान पात्र से पैसा नहीं दिया तो हम तुम्हारे मंदिर पर भी बुलडोजर चला देंगे। इसके पीछे सिर्फ वजह ये थी कि एमसीडी में भाजपा की सत्ता जा रही थी। आखिरी कुछ महीनों में ज्यादा से ज्यादा पैसे बनाने का इनका प्रयास था। भाजपा की पैसे की हवस लेंटर डालने पर वसूली करने से पूरी नहीं हो रही है, अब ये 53 मंदिर तोडऩे पर आ गए हैं। विधायक वीरेंद्र सिंह कादियान ने कहा कि भाजपा के किसी भी विधायक-सांसद ने मंदिरों का निर्माण नहीं कराया है। मैंने अपनी विधनसभा में कई मंदिरों को बनवाने का काम किया है।
आम आदमी पार्टी के विधायक मंदिर बनाते रहेंगे और भाजपा वाले तुड़वाते रहेंगे। जिस आस्था के साथ मंदिरों में हम पूजा करते हैं, उनको तोडऩे की निंदा करते हैं। मैं प्रस्ताव का समर्थन करता हूं कि मंदिरों को न तोड़ा जाए। दिल्ली विधानसभा में विधायक दिलीप पांडे ने केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में 53 मंदिरों को तोडऩे की अनुमति मांगने पर निंदा प्रस्ताव पेश किया। विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि यह एक गंभीर विषय है जो भारतीय जनता पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे को उजागर करने वाला है। मुझे यह प्रस्ताव बहुत मजबूर और आहत होकर रखना पड़ा। मुझे लगता है कि सदन में मौजूद हर एक व्यक्ति को दूषित मानसिकता के साथ जो किया गया है उस दुर्घटना का आभास होगा। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को चिठ्ठी भेजकर, दिल्ली के 53 मंदिरों को तोडऩे की अनुमती मांगी है। उन्होंने कहा कि सता का नशा जब सर चढक़र बोलता है तो आवाजें कैसे निकलती हैं। केंद्र सरकार भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, हनुमान जी, शंकर भगवान, दुर्गा मां, साईं बाबा के एक-दो नहीं बल्कि कुल 53 मंदिरों को तोडऩे के लिए चिठ्ठी लिखी है। जब यह मामला मेरे संज्ञान में आया तो मुझे लंदन में रहने वाले परिचित की एक बात याद आई। उनके कनाडा के एक मित्र ने कहा कि तुम हिंदू हो तो मेरे दोस्त ने कहा कि जी हां मैं हिंदू हूं। कनाडा वाले मित्र ने पूछा कि क्या तुम्हें हिंदू होने पर गर्व है? तो उसने कहा कि हां बिल्कुल मुझे हिंदू होने पर गर्व है। कनाडा के इस मित्र ने पूछा कि तुम भारत माता की जय कह सकते है तो बोला हां भारत माता की जय, वंदेमातरम कह सकता हूं। तब उस कनाडा वाले व्यक्ति ने जो भारतीय जनता पार्टी का समर्थक था कहा कि क्या तुम जय श्रीराम का नारा लगा सकते हो। तो बोला कि बिल्कुल एक बार क्या सुबह शाम लगा सकता हूं जय श्री राम। उसने कहा कि फिर तो तुम्हें निश्चय ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करनी चाहिए। क्योंकि तुम हिंदू हो। यहां मेरा जो परिचित व्यक्ति था वो असहमत हुआ। उसने कहा कि मैं गौरवशाली हिंदू हूं, मैं सनातनीय हूं, मैं सुबह शाम पूजा-पाठ करता हूं। इसका मतलब यह कैसे हो गया कि मुझे भाजपा का सदस्य होना चाहिए। उसने फिर उस कनाडा वाले व्यक्ति से एक लंबी चौड़ी बात कही जो सीधे-सीधे भाजपा के दोहरेपन को उजागर करती है।
विधायक ने कहा कि सुशांत सुप्रिय नाम के एक बड़े अच्छे कवि हैं, उनकी कविता की चार पंक्तियां में पढऩा चाहूंगा कि तुम भी अच्छे हम भी अच्छे, दोनों अच्छे ढेंचू-ढेंचू और जो भी हमसा राग अलापे वो भी अच्छा ढेंचू-ढेंचू। भाजपा भी यह कहना चाहती है कि हमारी तरह तुम अगर खाल ओढ़ लोगे.. हमारी तरह तुम भी ढेंचू-ढेंचू कहोगे तो तुम भी बड़े अच्छे आदमी हो। तुम भी हिंदू हो तुम भी सही मायने में तभी हिंदू हो अगर तुम भाजपा के सदस्य हो। लेकिन जो चिठ्टी लिखी है भाजपा का यह पहला वाकया नहीं है, जिसमें भाजपा ने अपने फर्जीवाड़े को उजागर किया। इसके पहले ढाई सौ साल पुराने तकरीबन 296 स्ट्रक्चर को, जिसमें दर्जनों मंदिर हैं उनको एक शॉपिंग कॉप्लेक्स बनाने के लिए, देश की आध्यात्मिक राजधानी बनारस में दर्जनों मंदिर और तमाम पुराने ढांचों को तोड़ दिया। ये हिंदू बनते हैं जबकि ये मंदिर तोड़ रहे है। बनारस पहली घटना नहीं है। बनारस के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम जिनके अनन्य भक्त थे, भगवान शिव, उनके 176 मंदिर विकास के नाम पर तोड़ दिए गए। भाजपा ने बनारस, अयोध्या में मंदिर तोड़े और उसके बाद दिल्ली में भी भाजपा 53 मंदिरों को तोडऩे की कोशिश में लगी है। यह सीधे- सीधे भाजपा के फर्जी हिंदुत्व के एजेंडा को उजागर करती है। हम सभी ने कल सदन में एक श्रद्धांजली सभा रखी थी, उसमें भी भाजपा का उतावलापन सामने आया। उदयपुर में हुई घटना के मामले में भी जो व्यक्ति पकड़ा गया था वो भाजपा का सदस्य है। लश्कर-ए-तैयबा के कनेक्शन के साथ जो आतंकवादी पकड़ा गया है वह जम्मू-कश्मीर का भाजपा का मीडिया सेल का इंचार्ज रहा है। देश में क्या हो रहा है। देश को मजबूत बनाए रखने वाली एकता की नीव, सामाजिक सद्भाव की नींव हैं, उसमें अगर कोई छेद कर रहा है तो वो सीधे-सीधे भाजपा के लोग सामने निकलकर आ रहे हैं। भाजपा के लोग ये काम कर रहे हैं। पहले हम सब केवल कहते थे लेकिन अब प्रमाण के साथ यह साबित हो रहा है कि भाजपा सिर्फ फर्जी हिंदुत्व का फटा हुआ ढोल बजाने वाली और ढेंचू-ढेंचू करने वाली पार्टी है। ऐसी परिस्थिति में मुझे लगता है कि अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सामने आकर दिल्ली की जनता और देश की जनता से माफी मांगने के अलावा और अपना पक्ष स्पष्ट करने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा को अब ये बताना पड़ेगा कि इस देश में जो एकता और अखंडता की बात कही जाती हैं, सबको साथ लेकर चलने की बात कही जाती हैं, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को उससे नफरत क्यों है। वो क्यों देश के सामाजिक सदभाव के वातावरण को बिगाडऩे में लगे हुए हैं।
उनकी पार्टी के पदाधिकारी क्यों कानून हाथ में लेकर देश का साम्प्रदायिक सौहार्द खराब करने में लगे हुए हैं। उनकी पार्टी के प्रवक्ताओं पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आने के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि अगर कोई एक पार्टी है जो हिंदूओं के हक में नहीं सोचती और जो हिंदू-मुस्लमान किसी समाज का भला नहीं चाहती है, वो पार्टी भाजपा है। भाजपा के नेताओं को इस संबंध में अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।अपनी बात रखनी चाहिए। भाजपा वाले हिंदूओं के हितों की रक्षक पार्टी बताते हैं जबकि यही उनका सत्यनाश कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा देश के सामने आय़ा है। मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार को चि_ी भेजकर कहा है कि हमें 53 मंदिरों को तोडऩे के लिए धार्मिक समितियों की अनुमति चाहिए। भाजपा के लोग देशभर में धर्म के नाम पर ड्रामा करते हैं जबकि दिल्ली में 53 मंदिरों को तोडऩे की योजना बना रहे हैं। दिल्ली विधानसभा में निंदा प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कालकाजी से विधायक आतिशी ने कहा कि आखिरकार केंद्र सरकार को क्या आन पड़ी कि 53 मंदिर तोडऩे हैं। इसके पीछे एक बहुत छोटी सी और साधारण सी बात है। मसला यह है कि पिछले 15 साल से एमसीडी में भाजपा कि सरकार है। पिछले 15 साल में जब से भाजपा कि सरकार है भाजपा के नेता, भाजपा के पार्षद, इनके अलग-अलग कार्यकर्ता, गली-गली जाकर सिर्फ उगाही करने का काम करते है। भारतीय जनता पार्टी के पार्षद और नेता, लेंटर पर प्रति स्क्वायर फुट के पैसे की उगाही पूरी दिल्ली में करते आए हैं। ये बात आपको दिल्ली का बच्चा- बच्चा बता देगा। पहले भाजपा के नेता अवैध निर्माण करवाते है। अब हुआ ये कि अब एमसीडी के चुनाव आने वाले थे तो भाजपा को यह समझ आ गया कि 15 साल हमारी गुंडागर्दी और उगाही से परेशान होकर हमें एमसीडी से निकालकर दिल्ली की जनता बाहर फेंकने वाली है। तो अब पैसा कहां से आएगा, अब उगाही कैसे होगी। उन्होंने उगाही की एक नई स्कीम बनाई कि जो इतने सालों से पैसा लेकर अवैध निर्माण उन्होंने करवाया, अब वो वापस उन्हीं लोगों के पास पहुंचे। अब लोगों से कहा कि फिर से पैसा दो, वरना जो अवैध निर्माण कराया है उसपर हम बुलडोजर चलवा लेंगे। दुकनदारों के पास गए कि पैसा निकालो, पैसा नहीं दोगे तो हम तुम्हारी दुकान पर बुलडोजर चलवा देंगे।
इसके अलावा अलग-अलग कॉलोनियों में गए और कहा कि जो ये छज्जा निकाला है, इसका पैसा 5 साल पहले हमें ही दिया था, अब फिरसे पैसा दो वरना हम छज्जा तुड़वा देंगे। ये दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों में गए, कहा कि जो आपने ये मकान, दुकान बनाई है जिसके पैसे कुछ साल पहले हमने ही लिए थे,अगर फिरसे पैसे नही दिए तो उसपर बुलडोजर चलवाएंगे। ये पिछले कुछ महीनों से भाजपा के नेता दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में करते आए हैं। अब भाजपा के भ्रष्टाचार की और इनके पैसे की हवस उतनी ज्यादा है कि ये मकान, दुकान और छज्जे पर तो रूके नहीं क्योंकि इन्हें और पैसा चाहिए था। इनकी पैसे की हवस इनतनी ज्यादा है कि जिस तरह के नोटिस दुकानों, मकानों को दे रहे थे ये मंदिरों में भी पहुंच गए। मदिरों को भी कहा कि अगर तुमने हमें अपने दान पात्र से पैसा नहीं दिया तो हम तुम्हारे मंदिर पर भी बुलडोजर चला देंगे। ये इनकी राजनीति है।