नई दिल्ली : महंगे LPG गैस सिलेंडर अब आम जनता को राहत मिलने वाली है. क्योंकि एक तो एलपीजी गैस महंगी (expensive gas cylinder), ऊपर से ट्रांस्पोटेशन के चलते आमजन की रसोई का बजट (kitchen budget)इन दिनों बिगड़ा हुआ है. लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए केन्द्र की मोदी सरकार (Modi government)ने इसका विकल्प खोज निकाला है. आपको बता दें कि इस युक्ति से आपको काफी सस्ती गैस अपनी रसोई में ही मिल जाएगी. साथ ही बिजली के बिल की तरह आप जितने यूनिट गैस यूज करेंगे उसका भुगतान कर सकेंगे. इससे जहां एक और आपको सिलेंडर की गाड़ी की वेट करने से मुक्ति मिलेगी ही , वहीं काफी हद तक मुनाफा भी होगा. क्योंकि अभी एक सिलेंडर की कीमत 950 रुपए है. इसमें एलपीजी गैस के साथ सिलेंडर की कॅास्ट और ट्रांस्पोटेशन का खर्चा भी जुड़ा होता है.
आपको बता दें कि घरेलू गैस सिलेंडर में गैस की कीमत के साथ उसकी रिफलिंग की लेवर, ट्रांपोटेशन सहित कई खर्चे जुड़कर एक सिलेंडर की कॅास्ट निकाली जाती है. जिसके बाद सिलेंडर काफी महंगा हो जाता है. सोमवार को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्य सभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि अब देश की देश की 98 प्रतिशत आबादी को जल्द ही राहत मिलने वाली है. क्योंकि सरकार हर घऱ में रसोई गैस मुहैया कराएगी. अभी तक यह सुविधा कुछ शहरों में ही उपल्बध थी. जिसका दायरा अब बढ़ाया जा रहा है. अब गांवों तक भी पाइप लाइन के माध्यम से सबके घरों में रसोई गैस पहुंचेगी. जिसके बाद आम जन का खर्च घटकर आधा रह जाएगा. इसके विस्तार कार्य के लिए बोली प्रक्रिया इसी साल 12 मई को शुरू की जाएगी.
देश की 98 प्रतिशत आबादी आएगी इस दायरे में
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि बोली प्रक्रिया के बाद बुनियादी ढांचे का खाका तैयार किया जाएगा. इसमें कुछ निश्चित समय लगता है. उन्होंने कहा, ’11वें दौर की बोली के बाद, 82 प्रतिशत से अधिक भूमि क्षेत्र और 98 प्रतिशत आबादी को रसोई गैस पाइप लाइन से दी जा सकेगी.’ उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिए गए. आज गैस सिलेंडरों की संख्या 30 करोड़ हो गई है जो 2014 में कुल 14 करोड़ थी. उन्होंने कहा कि हम पूरी आबादी को कवर करेंगे और यह काम प्रगति पर है. गैस पाइप लाइन के विस्तारीकरण के बारे में आग उन्होंने कहा कि 1,000 एलएनजी स्टेशन प्रस्तावित हैं. उनमें से 50 एलएनजी स्टेशन अगले कुछ साल में तैयार हो जाएंगे.