नई दिल्ली : जहरीले प्रदूषण की वजह से राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है। शुक्रवार को दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अत्यधिक गंभीर (सीवियर प्लस) श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली के ज्यादातर जगहों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 के अंक से ऊपर है। चिंता की बात यह है कि अगले दो-तीन दिनों के बीच स्थिति कमोबेश ऐसी ही रहने की आशंका है। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता आयोग की ग्रैप समिति प्रदूषण की स्थिति पर लगातार नजर रख रही है। हालांकि, ग्रैप का चौथा चरण अभी लागू नहीं किया जाएगा। प्रदूषण में तेजी से बढ़ोतरी के बाद शुक्रवार को ग्रैप समिति की बैठक हुई।
इसमें मौसम के कारकों, प्रदूषण की स्थिति और पाबंदियों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में कहा गया कि दिन में प्रदूषण स्तर बढ़ रहा था, जो शाम तक घटने लगा। दोपहर 12 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 475 अंक पर था, जो चार बजे तक घटकर 468 पर आ गया। वहीं, शाम पांच बजे सूचकांक 456 अंक पर आ गया। इसे देखते हुए ग्रैप के चौथे चरण की पाबंदियों को अभी लागू नहीं करने का फैसला लिया गया।
साथ ही बैठक में यह भी कहा गया कि अभी ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू किए हुए चौबीस घंटे ही हुए हैं, इसलिए अभी पाबंदियों का असर सामने आने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, आयोग प्रदूषण की स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। अगर प्रदूषण में तेज बढ़ोतरी होती है तो ग्रैप के चार चौथे चरण के बारे में विचार किया जा सकता है।
24 घंटे में 76 अंक बढ़कर 468 पर पहुंचा AQI
लोग इस समय साल की सबसे ज्यादा जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। इसमें भी पिछले सात दिन सबसे ज्यादा बुरे साबित हुए हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शुक्रवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 468 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को अत्यधिक गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यह सूचकांक 392 के अंक पर रहा था। यानी चौबीस घंटों के भीतर ही सूचकांक में 76 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। गुरुवार की शाम से ही प्रदूषण के स्तर में तेजी बढ़ोतरी शुरू हो गई थी। दिन में भी ज्यादातर समय तक सूचकांक 475 के अंक पर रहा। हालांकि, एक बजे के बाद से थोड़ी धूप निकली, जिससे मौसम में गर्मी बढ़ी और प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी आई।
आपातकालीन स्थिति तक पहुंचा प्रदूषण
हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 की मात्रा 500 से ऊपर और पीएम 2.5 का स्तर 300 से ऊपर होने पर उसे आपात स्थिति मानी जाती रही है। इस तरह से देखा जाए तो शुक्रवार दिन में चार बजे के लगभग पीएम 10 का स्तर 500 और पीएम 2.5 का स्तर 308 तक पहुंच गया। यानी इस सीजन में पहली बार प्रदूषक कणों का स्तर आपात स्थिति तक पहुंचा है।
मानकों से पांच गुना ज्यादा प्रदूषण
मानकों के मुताबिक हवा में पीएम 10 की मात्रा 100 से और पीएम 2.5 की मात्रा 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। दिन में यह स्तर 500 और 308 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। इस तरह दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर मानकों से पांच गुने तक पहुंच गया।
पिछले साल से ज्यादा पहुंचा इस बार प्रदूषण का स्तर
प्रदूषण का स्तर इस बार पिछले साल से ज्यादा तक पहुंच गया है। पिछले साल तीन नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 के अंक पर पहुंचा था। जो कि वर्ष 2022 का सर्वाधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक था। शुक्रवार को यह सूचकांक 468 के अंक पर रहा। यानी पिछले वर्ष के सर्वोच्च प्रदूषण स्तर को इस बार का प्रदूषण पार कर चुका है। वर्ष 2021 में 12 नवंबर को प्रदूषण का स्तर 471 पर रहा था। जो कि उस साल का सबसे उच्च स्तर रहा था।
जहरीली हवा से अभी राहत मिलने के आसार नहीं
दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से भरी जहरीली हवा से अभी राहत मिलने के आसार नहीं है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक अगले तीन-चार दिनों के दौरान हवा की गति आमतौर पर दस किलोमीटर से कम रहने की संभावना है। जबकि, हवा की दिशा भी आमतौर पर उत्तरी पश्चिमी रहेगी। मौसम के कारकों की वजह से प्रदूषक कणों का बिखराव धीमा रहेगा। इसके चलते लोगों को प्रदूषण से खास राहत मिलने वाली नहीं है। अगले दो-तीन दिनों के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर या बेहद खराब श्रेणी में ही रहने के आसार हैं।