प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली। भारत में कोरोना फिर सिर उठाता लग रहा है, तो यह समय चिंता से ज्यादा सजगता का है। भारत में शनिवार को ही कोरोना के मरीजों की संख्या 3,400 के पार चली गई है। एक-एक दिन में 700 से ज्यादा मामलों का सामने आना यह बताता है कि भीड़भाड़ में लोगों को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है। काफी दिनों बाद फिर कोरोना से लोगों की जान जाने लगी है। ध्यान रहे, देश में अब तक कोरोना से मौत के दर्ज मामले 5,33,332 हो गए हैं। देश में साढ़े चार करोड़ लोगों को अब तक कोरोना हो चुका है। ज्यादा चिंता कोविड-19 सबवेरिएंट जेएन-1 की है, शनिवार तक इस वायरस से पीड़ितों की संख्या 20 के पार चली गई थी। जाहिर है, स्वास्थ्य विभागों को वायरस को फैलने से रोकने के लिए जरूरी सावधानी बरतने के लिए मजबूर होना पड़ा है। केंद्रीय स्तर पर भी बैठकों का दौर चल रहा है। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों के स्तर पर भी वायरस की निगरानी पहले की तुलना में बढ़ा दी गई है और यह देखा जा रहा है कि वायरस का संचरण कैसे हो रहा है और मुकाबले के लिए किस स्तर के इंतजाम करने पड़ेगे।
कोरोना के नए वेरिएंट
वैसे यह अच्छी बात है कि कोरोना के नए सब वेरिएंट के मामले ज्यादा गंभीर नहीं हैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि इसका संक्रमण तेजी से हो सकता है। विशेष रूप से पहले से अस्वस्थ लोगों को ज्यादा सावधान रहना होगा। नए कोविड सब वेरिएंट जेएन-1 के मामलों में वृद्धि के बाद, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने कहा है कि लोगों को घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। वैसे यह अनुमान पुराना है कि ऐसे वेरिएंट और लहरें आगे भी आएंगी, पर धरि-धीरे मृत्यु दर और रुग्णता में कमी आती जाएगी। डेल्टा जैसा खतरनाक वेरिएंट नहीं आएगा, लेकिन बीमारी के वायरस मानव शरीर में मजबूती से जीवित रहने या रूप बदलने की कोशिश करेंगे। ऐसे में, जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी, जीवन शैली अच्छी होगी, खान-पान सही होगा, ऐसे लोग बीमारी से आसानी से लड़ पाएंगे। यह नया वायरस ओमिक्रॉन वायरस के निकट का बताया जा रहा है और केंद्र सरकार के निर्देश पर अनेक राज्यों में इसके नमूने एकत्र किए जा रहे हैं। ज्यादा चिंता केरल और कर्नाटक में जताई जा रही है।
कोरोना से भारत चिंतित
कोरोना के ताजा आंकड़े भारत में बड़ी चिंता की बात नहीं हैं, वैसे यह ध्यान रखने की बात है कि दुनिया से कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। हर सप्ताह चार लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और सर्वाधिक खराब स्थिति रूस की है। उसके बाद सिंगापुर और इटली का स्थान है। क्या इन देशों से आने वाले लोगों की विशेष निगरानी की जरूरत नहीं है? एयरपोर्ट पर जांच बढ़ाना गलत नहीं होगा। किसी यात्री को परेशान न किया जाए, लेकिन किसी मरीज को भीड़ में जाने से रोकना सही कदम है। यह बात छिपी नहीं है कि अर्थव्यवस्था में जब तेजी आई है, तो यात्राओं का पुराना दौर लौट आया है और विश्व स्तर पर बड़े पैमाने पर आवागमन हो रहा है। बीमारियों के भारत आने की आशंका भी बढ़ी है। चूंकि भारत यात्राओं का एक बड़ा केंद्र है, अतः यहां सावधानी ज्यादा जरूरी है। किसी भी प्रकार के लॉकडाउन के बारे में अब नहीं सोचा जा सकता, लेकिन सावधानी हमारी आदत में शुमार रहनी चाहिए। कोरोना के ताजा मामले हमारी चिकित्सा व्यवस्था के लिए भी चेतावनी हैं कि हमें हमेशा तैयार रहना होगा और सार्वजनिक चिकित्सा व्यवस्था का चाक-चौबंद रहना ज्यादा जरूरी है।