नई दिल्ली. दक्षिण दिल्ली में ओखला शाहीनबाग में अवैध निर्माण कर बसाई गई बस्तियों को हटाने के लिए कवायद शुरू हो गई है. लेकिन इस बीच अवैध बस्तियों को ध्वस्त करने के आदेश के खिलाफ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी यानी सीपीएम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि प्राधिकरण झुग्गी बस्तियां ढहाने की योजना बना चुके हैं और अगले हफ्ते में उस पर अमल होने वाला है.
साथ ही याचिका में यह भी उल्लेख है कि इसी हफ्ते चार मई को संगम विहार में गरीबों की इमारतों पर बुलडोजर चलाया गया. अब सोमवार तक ओखला शाहीन बाग में भी ऐसा ही करने का एलान किया है. बता दें कि दिल्ली के जहांगीरपुरी और तुगलकाबाद में अतिक्रमण हटाने के बाद गुरुवार को शाहीन बाग के इलाकों में बुलडोजर चलाया जाना था. निगम के अफसर और बुलडोजर मौके पर पहुंच भी गया था, लेकिन पुलिस की मौजूदगी नहीं होने की वजह से अभियान को स्थगित करना पड़ा.
गौरतलब है कि शाहीन बाग एसडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आता है और इस इलाके में दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में लंबे समय तक धरना प्रदर्शन चला था. यह धरना प्रदर्शन कोविड महामारी के फैलने के बाद मार्च 2020 में समाप्त हुआ था. उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के चार दिन बाद अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था. उच्चतम न्यायालय ने एनडीएमसी को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.
ये है बुलडोजर चलाने की डेट लाइन
9 मई: शाहीन बाग जी ब्लॉक से जसोला और जसोला नाले से कालिंदी कुंज पार्क
10 मई: न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से बौद्ध धर्म मंदिर और गुरुद्वारा रोड में और उसके आसपास.
11 मई: लोधी कॉलोनी, मेहरचंद मार्केट. साईं मंदिर में और उसके आसपास और फिर जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
12 मई: दिनसेन मार्ग इस्कॉन मंदिर मार्ग और उसके आसपास
13 मई: खड्डा कॉलोनी