नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने प्लान-2024 एक्टिव कर दिया है. शनिवार की शाम संगठन में कई फेरबदल हुए हैं, जो उस रणनीति की एक कड़ी है. इसमें सबसे बड़ा नाम प्रियंका गांधी वाड्रा का है. उन्हें यूपी इंचार्ज की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. अंग्रेजी में जारी की गई लिस्ट में उनके नाम के आगे लिखा है- Without any assigned Portfolio. इस समय वह बिना पोर्टफोलियो कांग्रेस की जनरल सेक्रेट्री हैं. पिछले लोकसभा चुनाव, 2019 से पहले पार्टी में जान फूंकने के लिए उन्हें यूपी का प्रभार दिया गया था. हालांकि पार्टी केवल एक सीट रायबरेली की जीत पाई. प्रियंका के भाई राहुल गांधी भी अपनी अमेठी सीट हार गए. जब से प्रियंका को ‘फ्री’ किए जाने की खबर आई है, सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा है. कांग्रेस पार्टी का आखिर प्लान क्या है? कुछ दिन पहले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई है. दिल्ली में विपक्षी I.N.D.I.A अलायंस ने भी बैठक की थी, अब प्रियंका को यूपी से हटाना एक बड़ा संकेत माना जा रहा है.
Congress President Shri @kharge has assigned the organisational responsibilities to the following persons with immediate effect. pic.twitter.com/qWhwiJzysj
— Congress (@INCIndia) December 23, 2023
6 महीने से मंथन
पिछले छह महीने से कांग्रेस पार्टी में प्रियंका को लेकर मंथन चल रहा था. भले ही यूपी में उनका प्रभाव न दिखा हो पर कांग्रेस आलाकमान को लगता है कि प्रियंका को केवल एक राज्य तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए. 2024 का लोकसभा चुनाव करीब है, ऐसे में हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और हाल में तेलंगाना में उनके चुनाव प्रचार के असर को आधार बनाते हुए आगे का प्लान तैयार किया गया है. हां, कांग्रेस पार्टी को लगता है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की स्टार कैंपेनिंग की वजह से ही इन राज्यों में ‘कमल’ नहीं खिल सका.
अखिलेश से हो गई डील!
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कुछ महीने पहले ही संकेत दे दिया था कि प्रियंका को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. आज की परिस्थिति में कांग्रेस को I.N.D.I.A गठबंधन के सहयोगियों के हिसाब से 2024 के चुनाव में सीटें मिलेंगी. कुछ दिन में सीटों का बंटवारा भी घोषित हो जाएगा. यूपी में सपा के दबदबे को देखते हुए उसका ज्यादातर सीटों पर चुनाव लड़ना तय है. अब तक मिले संकेतों के मुताबिक सपा मुख्य विपक्षी दल को 6 से 8 सीटें ही देने को तैयार है. ऐसे में प्रियंका गांधी का यूपी प्रभारी बनकर रहना ज्यादा अर्थपूर्ण नहीं रह जाता है. अब वह उन राज्यों पर फोकस कर सकती हैं जहां कांग्रेस ज्यादा सीटों पर लड़ने वाली है. हो सकता है कि अखिलेश यादव से कांग्रेस की डील भी हो गई हो इसीलिए प्रियंका गांधी ने यूपी का मैदान छोड़ दिया है. वैसे यूपी कांग्रेस के नेता लखनऊ से दिल्ली तक कह आए हैं कि राहुल-प्रियंका को यूपी पर फोकस बढ़ाना चाहिए और सपा से ज्यादा सीटें लेनी चाहिए.
बनारस की तैयारी तो नहीं!
हां, सियासी गलियारों में यह भी चर्चा होने लगी है कि विपक्षी गठबंधन 2024 में एनडीए को चुनौती देने के लिए वाराणसी से कोई बड़ा चेहरा उतार सकता है. इस पर अंतिम राय बनाई जा रही है. पीएम नरेंद्र मोदी के सामने काशी से नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं. अब कुछ घंटे पहले से प्रियंका गांधी का भी नाम जुड़ गया है. अगर ऐसा होता है तो यह फैसला चौंका सकता है. प्रियंका ने तेलंगाना चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. उनकी रैलियों के सकारात्मक असर को देखते हुए कांग्रेस पार्टी अब लोकसभा चुनाव में उनसे बड़ी उम्मीद कर रही है. संभव है कि नए साल में उनकी नई भूमिका का ऐलान भी हो जाए.
‘पायलट को कोई बड़ा राज्य देते…’
जी हां, राजस्थान की सत्ता गंवाने के बाद कांग्रेस ने पूर्व डेप्युटी सीएम सचिन पायलट को अब छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया है. कांग्रेस के ट्वीट पर कई लोगों ने लिखा है कि सचिन पायलट को राजस्थान में ही रहने देना चाहिए था और उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाते तो ज्यादा फायदा मिलता. बाकी नियुक्तियों की प्रशंसा करते हुए कई लोगों ने लिखा कि पायलट को राजस्थान की राजनीति में भी सक्रिय रखना चाहिए क्योंकि इससे 2024 के चुनाव में कांग्रेस को फायदा होगा. पायलट के एक समर्थक वीरेंद्र अंदाना ने लिखा, ‘पहली बात तो आपको सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना चाहिए था. दूसरी बात अगर प्रभारी ही बनाना था तो किसी बड़े राज्य का बनाते. समझ में नहीं आता आप इतने अच्छे नेता का भविष्य खराब करने में क्यों लगे हो.’ छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटें हैं. हालांकि इस राज्य के कई लोगों ने लिखा है- सचिन पायलट जी पधारो मारे छत्तीसगढ़.