नई दिल्ली l दिल्ली मेट्रो ने अपने नेटवर्क के विस्तार के तहत, चौथे चरण में आने वाली सिल्वर लाइन सहित 52 नई ट्रेनों का अधिग्रहण करने की योजना बनाई है। यह पूरी तरह से ‘अनअटेंडेड ट्रेन आपरेशन’ (यूटीओ) के अनुरूप होंगी। अनअटेंडेड ट्रेन आपरेशन का मतलब है कि ट्रेनों का संचालन चालकों के बिना होगा। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
डीएमआरसी के अधिकारियों के मुताबिक 39 ट्रेनें मौजूदा पिंक लाइन (मजलिस पार्क-शिव विहार) और मजेंटा लाइन (बाटैनिकल गार्डन-जनकपुरी पश्चिम) के लिए होंगी, जबकि शेष ट्रेनें सिल्वर लाइन अथवा लाइन-10 के लिए होंगी। लाइन-10 का निर्माण एअरोसिटी और तुगलकाबाद के बीच किया जा रहा है। डीएमआरसी के अधिकारी ने कहा, ‘इसके लिए निविदाएं बहुत पहले मंगाई गई थीं और यह प्रक्रिया में है।
लेकिन, अभी तक निविदा नहीं दी गई है। साथ ही, खरीदी जाने वाली ये सभी 52 ट्रेनें यूटीओ-मोड ट्रेनें होंगी।’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 दिसंबर, 2020 को दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन (लाइन-8) पर भारत की पहली चालक रहित ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर इस प्रकार की ट्रेनों के संचालन का उद्घाटन किया था। इसके अलावा 59 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन (लाइन 7) पर चालक रहित ट्रेन का संचालन पिछले साल 25 नवंबर से शुरू किया गया था जो डीएमआरसी के इतिहास में एक और मील का पत्थर साबित हुई है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को शहर के इंद्रप्रस्थ डिपो से ‘लो-फ्लोर’ वातानुकूलित सीएनजी बसों और एक ‘प्रोटोटाइप (नमूना) इलेक्ट्रिक’ बस को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने दावा किया कि 100 नई निजी बसों को सोमवार को डीटीसी के बेड़े में शामिल किया गया। गहलोत ने कहा कि ये बसें आधुनिक तथा पर्यावरण के अनुकूल हैं और शहर में प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगी। दिल्ली सरकार की क्लस्टर योजना के तहत लाई गई ये बसें पैनिक बटन तथा ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।
इसमें दिव्यांग लोग भी आसानी से यात्रा कर पाएंगे। इन 100 बसों के शुरू होने के साथ ही शहर में सार्वजनिक परिवहन बसों की संख्या बढ़कर 7,000 हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जनवरी में 100 लो-फ्लोर वातानुकूलित संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) बसों और एक प्रोटोटाइप इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाई थी। गहलोत ने तब कहा था कि सरकार, अप्रैल तक 300 इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए प्रयास कर रही है।