जम्मू l विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में डाक्टरों की कमी आड़े आ रही है। लद्दाख में इस समय 1476 लोगों के लिए 1 डाक्टर उपलब्ध है। डाक्टर बन रहे स्थानीय युवाओं की तैनाती से हालात बेहतर बन सकते हैं। ऐसे हालात में लद्दाख प्रशासन का नए स्थानीय डाक्टरों को पांच साल अनिवार्य रूप से क्षेत्र में ड्यूटी देने का फैसला स्थानीय युवाओं को रास नही आ रहा है। इस समय डाक्टरी करने के बाद देश के अन्य हिस्सों में भाग्य आजमाने की योजनाएं बना रहे कुछ स्थानीय डाक्टर नही चाहते हैं कि उन्हें यह बांड भरना पड़े कि पांच साल तक वे लद्दाख से बाहर नही जा सकते हैं। ऐसे में कई काउंसिलरों ने भी इस फैसले पर उपराज्यपाल प्रशासन से विरोध जताया है।
लद्दाख प्रशासन ने गत वर्ष यह फैसला किया था कि नए लद्दाखी डाक्टरों को यह बांड भरना होगा कि वे पांच साल तक अनिवार्य रूप से लद्दाख में नौकरी करेंगे। एमबीबीएस या एमडी करने के बाद लद्दाख में नौकरी न करने पर डाक्टरों को 50 लाख रूपये व डेंटल डाक्टरों को 35 लाख रूपये तक का हर्जाना देना होगा। इस फैसले के विरोध में युवाओं के साथ कई काउंसिलर भी मैदान में हैं। गत दिनों लेह हिल काउंसिल के काउंसिलर समानला दोरजे नारबू ने भी सरकार के इस फैसले को गलत बताया था। उनका कहना है कि प्रशासन ऐसे फैसले करने की मनमानी कर रहा है।
इस मुद्दे पर उपराज्यपाल आरके माथुर से भी कुछ प्रतिनिधिमंडल मिल चुके हैं। जम्मू कश्मीर के निवासी डाक्टर देवेन्द्र सिंह का कहना है कि डाक्टर बनने के बाद अपने इलाके में तैनात होने के लिए बांड भरने का नियम अन्य कई प्रदेशों में भी लागू है। कुछ प्रदेश तो डाक्टरों से एक करोड़ रूपये तक का बांड भी भरवाते हैं। ऐसे बांड एनडीए में अधिकारी बनने के लिए दाखिल युवाओं से भी भरवाए जाते हैं। ऐसे में लद्दाख में भी ऐसा बांड भरवाना कुछ गलत नही है।
वहीं दूसरी ओर लद्दाख प्रशासन के पास ऐसे फैसले करने के अलावा कोई रास्ता नही है। लद्दाख प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जागरण को बताया कि अन्य प्रदेशों के डाक्टर लद्दाख में सेवाएं देने के लिए सामने नही आ रहे हैं। ऐसे में स्थानीय डाक्टरों की सेवाओं की असली जरूरत लद्दाख में है। प्रशासन ने यह फैसला लद्दाख के लोगों के हितों को देखते हुए लिया है। लद्दाख के नए डाक्टर दूरदराज इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में सहयोग दे सकते हैं।