नई दिल्ली l शहरी युद्ध में जरूरत होती है छोटी या मध्यम दूरी की मिसाइलों की. जिसकी कमी की वजह से यूक्रेन को काफी ज्यादा नुकसान बर्दाश्त करना पड़ा. वह रूस के हमलों का करारा जवाब नहीं दे पाया. लेकिन यूक्रेन जैसी हालात से निपटने के लिए भारत के पास मिसाइलें हैं. छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों की काफी मजबूत खेप भारत के पास है. ऐसी ही दो मिसाइलों का परीक्षण भारत ने 27 मार्च 2022 को ओडिशा के बालासोर स्थित इंटीग्रेटेड रेंज से किया.
MRSAM-Army missile system flight tested from ITR Balasore at around 1030 Hrs intercepting a high speed aerial target at long range. The target was destroyed by the missile in a direct hit.@PMOIndia @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD @adgpi pic.twitter.com/Ra5yfHaHo1
— DRDO (@DRDO_India) March 27, 2022
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली घातक Medium Range Surface to Air Missile – MRSAM का सफल परीक्षण किया है. इस मिसाइल ने बेहद सटीकता के साथ अपने टारगेट को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. परीक्षण के दौरान बालासोर जिले के तीन गांवों के 7000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया था.
DRDO ने भारतीय थल सेना के लिए बनाई गई MRSAM मिसाइल का लाइव फायरिंग ट्रायल किया. इस मिसाइल से उन्होंने तेज गति में उड़ने वाले हवाई टारगेट को निशाना बनाया. मिसाइल ने लॉन्च होते ही अपने टारगेट को पहचान लिया. उसे इंटरसेप्ट करते हुए बर्बाद कर दिया. इस मिसाइल के दो परीक्षण किए गए. पहला परीक्षण मध्यम ऊंचाई वाले लंबी रेंज के टारगेट के साथ किया गया. दूसरा कम ऊंचाई वाले कम रेंज के टारगेट के साथ किया गया. दोनों टेस्ट सफल रहे.
MRSAM मिसाइल को DRDO ने इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री (IAI) के साथ मिलकर बनाया है. इस मिसाइल प्रणाली में मल्टी-फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर और अन्य सैन्य उपकरण व वाहन मौजूद हैं. इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल भी MRSAM ही है. सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम होता है. यह इजरायल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 (Barak-8) पर आधारित है.
MRSAM का वजन करीब 275 किलोग्राम होता है. लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है. इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम वॉरहेड यानी हथियार लोड किया जा सकता है. यह दो स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है. एक बार लॉन्च होने के बाद MRSAM आसमान में सीधे 16 किलोमीटर तक टारगेट को गिरा सकती है. वैसे इसकी रेंज आधा किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक है. यानी इस रेंज में आने वाले दुश्मन यान, विमान, ड्रोन या मिसाइल को नेस्तानाबूत कर सकती है.
MRSAM मिसाइल में नई बात ये है रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर लगा है. यानी दुश्मन का यान अगर चकमा देने के लिए सिर्फ रेडियो का उपयोग कर रहा है तो भी यह उसे मार गिराएगी. इसकी गति है 680 मीटर प्रति सेकेंड यानी 2448 किलोमीटर प्रतिघंटा. इसकी गति और टारगेट का पीछा करने की काबिलियत इसे बेहद घातक बनाती है.
भारत ने इजरायल से MRSAM मिसाइल के पांच रेजीमेंट खरीदने की बात की थी. इसमें 40 लॉन्चर्स और 200 मिसाइल शामिल हैं. इस डील की कीमत करीब 17 हजार करोड़ रुपए है. इन मिसाइलों की तैनाती से भारत को वायु सुरक्षा कवच बनाने में मदद मिलेगी. उम्मीद है कि साल 2023 तक इन मिसाइलों की तैनाती देश के जरूरी रणनीतिक स्थानों पर कर दी जाएगी.
विशाखापट्टनम गाइडेड मिसाइल विध्वंसक (INS Visakhapatnam) में 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें तैनात की जा सकती है. जिनकी रेंज 100 किलोमीटर है. या बराक 8ER मिसाइलें भी तैनात हो सकती हैं, जिसकी रेंज 150 किलोमीटर है. इसमें 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. यानी इन दोनों मिसाइलों से लैस होने के बाद ये युद्धपोत समुद्री शैतान की तरह दुश्मन के जहाजों और विमानों पर मौत बनकर टूट पड़ेगा.