प्रकाश मेहरा
इन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की चर्चा लगातार हो रही है इसकी वजह है शराब घोटाला जिसके आरोप में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल की सजा काट रहे है और अब इसके बाद ED ने केजरीवाल को भी 30 अक्टूबर को समन भेजा जिसे केजरीवाल ने गैर कानूनी बताया और ED दफ्तर पहुंचने के बजाय चुनाव प्रचार में मध्यप्रदेश पहुंच गए। बीते बुधवार को सुबह से ही केजरीवाल के आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई दिल्ली के राजघाट पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई खबर ये थी कि आप के मंत्री केजरीवाल के घर पहुंचकर साथ में ED दफ्तर पहुंचेंगे उससे पहले आशंका ये थी कि ED दफ्तर पहुंचने से पहले केजरीवाल राजघाट पहुंचेंगे पर ऐसा हुआ ही नहीं ED दफ्तर की बजाय मध्यप्रदेश चुनाव प्रचार के लिए यू-टर्न ले लिया।
केजरीवाल को समन
30 अक्टूबर को समन आया और आप के मंत्री 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक गिरफ़्तारी का माहौल बनाते रहे उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल की गिरफ़्तारी हो सकती है। 2 नवंबर को ED दफ्तर पहुंचने के बजाय मध्यप्रदेश पहुंच गए। यानी ED के समन को केजरीवाल ने इग्नोर कर दिया और बताया कि वो ED के सामने पेश क्यों नहीं हो सकते।
अरविन्द केजरीवाल ने ED के अस्सिस्टेंड डायरेक्टर को भेजे लेटर में ED से तीन सवाल पूछे।
केजरीवाल का ED से तीन सवाल
- पहला : ED के समन में ये साफ़ नहीं की उन्हें किस भूमिका में बुलाया जा रहा है गवाह के तौर पर या संदिग्ध के तौर पर?
- दूसरा : क्यों समन किया गया इसकी वजह नहीं बताई?
- तीसरा : समन में ये साफ़ नहीं है कि सीएम के तौर पर बुलाया या राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर?
ED की मंशा पर सवाल
केजरीवाल ने लिखा ‘समन किसी बाहरी व्यक्ति के कहने या दबाव में भेजा गया है जिस दिन ये समन आया उस दिन दोपहर में बीजेपी नेता ये कहने लगे कि केजरीवाल को ED समन करेगी और गिरफ्तार कर लेगी और उसी शाम को ED का समन आ गया इससे ये साफ़ है कि ये समन कुछ बीजेपी नेताओं को लीक किया गया ताकि अरविन्द केजरीवाल की इमेज ख़राब करने की कोशिश किया जा सके ये समन केंद्र सरकार के कहने पर भेजा गया बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने बयां दिया था कि मैं गिरफ्तार होने वाला हूँ’.
अरविन्द केजरीवाल एक आम आदमी हैं पर आम आदमी इस बार ED के बुलाने पर नहीं गए पर शीशमहल में रहने वाले नहीं गए। केजरीवाल कहते थे 100 बार बुलाओगे 100 बार आऊंगा पर अप्रैल में जब पूछताछ के लिए सीबीआई ने उन्हें बुलाया था तो उन्होंने क्या कहा था सुनिए।
केजरीवाल के बयान 16 अप्रैल 2023
जो लेटर ED ने भेजा उसमे 4 अक्षर कौन से हैं जिससे अरविन्द केजरीवाल ED के सामने पेश होने से बच गए वो चार अक्षर है PMLA इसका मतलब होता है धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of money laundering act) इसके तहत समन भेजा गया। केजरीवाल ने लिखा ” समन PML एक्ट के तहत भेजा गया”.
PML एक्ट के सेक्शन 50 के तहत समन भेजा गया इस सेक्शन के तहत ED को समन भेजने का अधिकार है और किसी का बयान रिकॉर्ड करने का भी अधिकार है और समन कर सकती है.
PML एक्ट के सेक्शन 45 के तहत धन शोधन निवारण अधिनियम इसमें जमानत भी जल्दी नहीं मिलती इस कानून के तहत ED के पास किसी व्यक्ति की जाँच करने गिरफ्तार करने, प्रॉपर्टी को जफ्त करने का अधिकार है जिस आरोपी पर PML एक्ट के तहत केस चलता है उसे खुद को निर्दोष साबित करना होता है।
ED के पास विकल्प
एक्ट के तहत ED 3 बार तक केजरीवाल को समन भेज सकती है अगर इसके बाद भी पेश नहीं होते है तो ED उनके खिलाफ नॉन वेलेबल वारंट जारी कर सकती है इसके तहत केजरीवाल को तय समय और दिन कोर्ट आता होगा।
अब आगे क्या होगा
अगर केजरीवाल गैर जमानती वारंट (Non Bailable Warrant) को इगनोर करने पर गिरफ्तार किया जा सकता है।
केजरीवाल के पास विकल्प
- पहला विकल्प : फिर से समन आये लेकिन पेश न हों जितना हो सके पेशी से बचने की कोशिश कर सकते हैं।
- दूसरा विकल्प : गिरफ़्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत के लिए अप्लाय कर सकते हैं इसके लिए वो लंबी गिरफ़्तारी से बच सकते हैं।
- तीसरा विकल्प : ED के समन को HC में चैलेंज कर सकते हैं जैसा झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था।
अब देखना ये होगा कि आखिर अरविन्द केजरीवाल ED के सामने पेश होते हैं या नहीं? फ़िलहाल केजरीवाल मध्यप्रदेश के चुनावी रैलियों में व्यस्त नजर आ रहे हैं और ED को जबाब में कहते हैं कि “5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं स्टार प्रचारक के तौर पर कई जगह यात्रा करनी होती है। मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली का कामकाज देखना है कामकाज सँभालने के लिए मौजूदगी जरुरी होती है नवम्बर के दूसरे सप्ताह में दिवाली भी है इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ED समन वापस ले लें।”