नई दिल्ली : दिल्ली सरकार राजधानी के बॉर्डर इलाकों में रहने वालों तक वाहन संपर्क की व्यवस्था को दुरुस्त करने की बड़ी योजना पर काम कर रही है. केजरीवाल सरकार ने इसके लिए ऐसी वाहन संपर्क व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है, जिससे लोगों को बेहतर सुविधा हासिल हो सके और पर्यावरण को भी कोई नुकसान न हो.
दिल्ली सरकार का मानना है कि व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसका बोझ लोगों की जेब पर भी ज्यादा न पड़े. सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आखिरी छोर तक संपर्क करने के लिए हाईस्पीड ई-स्कूटर, लो-स्पीड ई-स्कूटर और ई-साइकिल की तैनाती करने की योजना बना रही है.
ई-स्कूटर, ई-साइकिल योजना
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि मुझे दिल्ली में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के हमारे मिशन में इस कदम की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दूरदर्शी नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने द्वारका सब-सिटी में सार्वजनिक ई-स्कूटर शेयरिंग सिस्टम और सार्वजनिक ई-साइकिल शेयरिंग सिस्टम (पीईसीएस) शुरू करने के लिए बिड आमंत्रित किया है.
द्वारका में तीन चरणों में नया सिस्टम
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक यह व्यवस्था बेहद किफायती और पर्यावरण-अनुकूल है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत तीन चरणों में द्वारका सब-सिटी में 90 स्थानों पर कुल 3000 इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की तैनाती की जाएगी. कैलाश गहलोत ने बताया कि पहले चरण में 1500 ई-वाहन चलेंगे जिनमें हाई-स्पीड ई-स्कूटर, लो-स्पीड ई-स्कूटर और ई-साइकिल शामिल हैं. चरण 2 में अतिरिक्त 750 ई-वाहन चलाये जाएंगे, जबकि चरण 3 में शेष 750 वाहन चलाये जाएंगे.
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री के मुताबिक पहले चरण के कार्यान्वयन की समय सीमा 6 महीने हैं, दूसरे चरण के लिए 4 महीने और तीसरे चरण के लिए 4 महीने. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 18 करोड़ रुपये है.
बोली लगाने वालों के लिए शर्तें
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री का मानना है कि सार्वजनिक ई-स्कूटर और ई-साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत से द्वारका सब-सिटी में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा है कि यह पहल दिल्ली के किनारे किनारे रहने वालों तक भी वाहन की पहुंच बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजना है.
दिल्ली सरकार ने इस सिस्टम के लिए बोली लगाने वालों से जरूरी शर्तों को पूरा करने का निर्देश दिया है. सरकार ने कहा कि बिड करने के लिए बोली लगाने वालों को मूल उपकरण निर्माता (ओईएम), ओईएम के अधिकृत डीलर या ई-स्कूटर या ई-साइकिल का फ्लीट एग्रीगेटर होना आवश्यक है. उन्हें निर्धारित सभी तकनीकी अपेक्षाओं को पूरा करना होगा और कम से कम 70 अंक प्राप्त करने होंगे.