नई दिल्ली l केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को एसडीएमसी, एनडीएमसी और ईडीएमसी को मिलकर मिलाकर एक निगम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ताजा प्रस्ताव के मुताबिक मेयर इन काउंसिल व्यवस्था के तहत अब मेयर का चुनाव सीधे दिल्ली के मतदाता करेंगे। अगर 16 अप्रैल से पहले संसद से यह बिल पास हो गया तो इस बार लोग अपने क्षेत्र के पार्षद और मेयर दोनों के लिए मतदान करेंगे।
दिल्ली सरकार का दखल निगम में बेहद कम करने के लिए मेयर-इन-काउंसिल व्यवस्था अपनाई जा सकती है। इसमें मेयर और उसके पार्षदों को शहर के लोग सीधे चुनेंगे। यदि ऐसा हुआ तो वो सीएम से ज्यादा प्रभाव वाला माना जाएगा।केंद्र सरकार के इस फैसले को दिल्ली में सत्तारूढ़ आप सरकारके लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि दिल्ली नगर निगम में चुनाव 18 मई से पहले होना है। दिल्ली निर्वाचन आयोग को एक महीने का वक्त भी चाहिए ताकि वो तारीखों घोषित कर चुनाव करा सके। इस लिहाज से एमसीडी एक्ट में संशोधन विधेयक संसद से 16 अप्रैल से पहले पास होना जरूरी है।