अर्जुन सिंह। पौड़ी विकासखंड की पट्टी गगवाड़स्यूँ चार के गांवों में इन दिनों गुलदार के आतंक से क्षेत्रवासी दहशत में हैं। जहां धनाऊ मल्ला-तल्ला, बणगांव मल्ला-तल्ला, खपरोली, नगोली, मंजेडा, कवाली व घुसगली आदि गांवों में आए दिन गुलदार द्वारा ग्रामीणों के पालतू मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है। इसे लेकर पौड़ी जिला प्रधान संगठन द्वारा, मंगलवार को प्रभाग वन्य अधिकारी मुकेश कुमार गढ़वाल डिवीजन (डीएफओ) को पत्र देकर गुलदार को पकड़ने के लिए पिजरा लगाने की मांग की।
प्रधान संगठन अध्यक्ष कमल रावत ने बताया कि क्षेत्र में राजकीय इंटर कॉलेज, प्राथमिक और जूनियर माध्यमिक विद्यालयों में इसके चलते छात्र छात्राओं को स्कूल आने जाने में डर लगने लगा है, तो वही ग्रामीण और रोजगार आदि के लिए रोजाना के काम काजो के लिए गुलदार के साथ संघर्ष करना पड़ रहा है। क्षेत्र में गांव के आसपार अत्याधिक जंगली झाड़ियां होने के चलते गुलदार आसानी से गांव में सुबह से रात अपना शिकार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार वन विभाग व अधिकारियों को सूचित किया गया है। मगर, अभी तक न तो क्षेत्र में वन विभाग के दल में गश्त की और ना ही गुलदार की रोकथाम के लिए कोई उचित कदम उठाए गए थे। रावत का कहना है बीते रविवार अपने क्षेत्र के निरीक्षण में थे तभी शाम पांच बजे के आसपास एक मादा गुलदार अपने दो शावक के साथ सड़क पर बेखौफ घूमते देखी। सोमवार को रेंजर ललित नेगी से बात करने पर उन्हें मंगलवार को प्रभावित क्षेत्र पर पिंजरा लगवाने का आश्वासन भी दिया गया था।
उन्होंने कहा कि आबादी क्षेत्र में लगातार गुलदार की आमद के चलते ग्रामीणों में भय व्याप्त है। लोग अपने बच्चों को भी अकेले स्कूल और कहीं भी भेजने से कतरा रहे हैं, तो मवेशियों को चराने के लिए भी परेशानी हो रही है। संगठन द्वारा क्षेत्र में आने वाले समय में कोई अप्रिय घटना घटित होने से पहले ही आतंक के पर्याय बने गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगवाने प्रक्रिया के बाद मंगलवार को क्षेत्र में पिंजरा लगाया दिया गया।