प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की एक उच्च स्तरीय समिति ने स्कूली किताबों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द के इस्तेमाल की सिफारिश की है। हालांकि, एनसीईआरटी के अध्यक्ष दिनेश सकलानी ने कहा, समिति की सिफारिशों पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
सूत्रों ने दावा किया है कि किताबों में आवश्यक परिवर्तनों को लेकर बने पैनल के प्रस्ताव को एनसीईआरटी ने मंजूरी दे दी है। पैनल के सदस्यों में शामिल सी. आई. आइजक के हवाले से कहा गया है कि यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले ही रखा गया था और अब इसे स्वीकार कर लिया गया है। उधर, एनसीईआरटी ने कहा है कि वह नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक विकास की प्रक्रिया में लगा है। इसके समिति प्रमुख आइजक ने कहा कि लिए संबंधित विषय विशेषज्ञों के विभिन्न पाठ्यचर्या क्षेत्र समूहों को अधिसूचित किया जा रहा है। अतः, संबंधित मुद्दे पर चल रही मीडिया रिपोर्ट पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
आइजक के अनुसार, समिति ने पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द के इस्तेमाल के अलावा ‘प्राचीन इतिहास’ के स्थान पर ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ शुरू करने, सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली शुरू करने की सिफारिश की।
हिंदू विजय गाथाओं पर जोर
समिति ने पाठ्यपुस्तकों में विभिन्न संघयों में ‘हिंदू विजय गाथाओं जोर देने के लिए भी कहा है। आइजक ने बताया कि पाठ्यपुस्तकों में हमारी विफलताओं का उल्लेख किया गया ने है। लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी विजयों का नहीं। एनसीईआरटी के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूली पाठ्यपुस्तकों के पाठ्यक्रम संशोधित कर रहा है। परिषद हाल में पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देने लिए विशेष समिति गठित की थी।