धर्मशाला। हर महिला एक नेता है। इन्हें नेतृत्व सिखाने की कोई जरूरत नहीं, इनका केवल कौशल निखारने की जरूरत है। धर्मशाला के निजी होटल में महिला विधायकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर यह बात कही। उन्होंने कहा कि विधायकों को सबसे पहले अपने हलके के हर पंचायत प्रधान के साथ लगातार संपर्क में रहना चाहिए। हर विधायक को अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठा हासिल करने के साथ-साथ लंबा राजनीतिक सफर तय करने में यह मंत्र मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि नई महिला विधायक सार्वजनिक जीवन और मीडिया में बोलते समय सावधानी से शब्दों का चयन करें। आपके शब्दों से ही आपकी छवि बनती है।
एक गलत शब्द मुंह से निकलते ही आपको जोरदार प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि लगातार सही सूचनाएं एकत्रित करने के लिए अध्ययन करते रहना चाहिए। पूरी सूचना हासिल कर ही वक्तव्य दें। इससे संगठन और सरकार दोनों में आपकी अच्छी छवि बनेगी। उन्होंने कहा कि आपको हर अधिकारी और कर्मचारी से तालमेल बनाना होगा। इससे अधिकारी और कर्मचारी आपके कामों को नहीं लटकाएंगे। हर विधायक यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास को अपना ध्येय बना ले, तो उसका हर सफर आसान हो जाएगा।
पहले दिन 29 महिला विधायकों ने लिया हिस्सा
‘शी इज ए चेंजमेकर’ परियोजना के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग और लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से आयोजित किए जा रहे इस सम्मेलन में दिल्ली की आठ, उत्तर प्रदेश की 47, राजस्थान की 26, पंजाब की 13, हरियाणा की नौ, उत्तराखंड की आठ और मेजबान हिमाचल प्रदेश की पांच महिला विधायक हिस्सा लेंगी। हालांकि पहले दिन उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की 29 महिला विधायकों ने ही भाग लिया।