मुरार सिंह कंडारी
दिल्ली : बीरवार 29 जुलाई को साइबर सुरक्षा को लेकर दिल्ली के हरियाणा भवन में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने साइबर सिक्योरिटी पर प्रेस वार्ता को संबोधित किया। साइबर विशेषज्ञ अलोक विजयंत ने साइबर की बारीकियों से मीडिया को करवाया। FANS संगठन महामंत्री गोलोक बिहारी राय ने ग्राउंड जीरो नाम का कांफ्रेंस 5 से 6 अगस्त को आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में करने की घोषणा की है। इन्होने बताया है दो दिनों तक पुरे दिन आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में तकनीकी एवं गैर तकनीकी विषयों पर सेमिनार चलते रहेंगे।
साइबर क्षेत्र लगभग पूर्ण विषम प्रकृति के साथ युद्ध के पांचवें क्षेत्र के रूप में उभरा है। जहां एक ओर इसने हमारे जीवन को आसान बना दिया है और एक वैश्विक दुनिया से जोड़ दिया है। जो विधुत की गति से दुनिया भर में संसार को सक्षम करने वाले ऑप्टिकल फाइबर के फ्रेम के साथ जुड़ा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ यह बीते कुछ वर्षों में राजकीय और गैर-राजकीय अपराधिक गतिविधियों के लिए खेल का मैदान बन गया है। भौतिक दुनिया के विकार अब साइबर क्षेत्र में अधिक परिष्कार के साथ दिखाई दे रहे हैं। जो वैश्विक कल्याण और शांति के नीतियों और प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन में एक अवरोध बन गए हैं।
साइबर क्षेत्र की पूर्ण विषम प्रकृति, गैरजिम्मेदारी, भौगोलिक सीमाओं की गैर बाध्यता और आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता की कमी, इस को एक बहुत ही शक्तिशाली और घातक हथियार प्रदान करती है। जो दोधारी तलवार की तरह है।
भारत की आजादी के 75वे वर्ष का जश्न मनाते हुए हम एक प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण मजबूत और कुशल राष्ट्रीय साइबर इकोसिस्टम स्थापित करने का संकल्प ले। साइबर इकोसिस्टम का आधार होने के कारण सूचना को इसके उपयोग अधिकार और उपलब्धता के संदर्भ में समझने की आवश्यकता है। जहां डेटा संप्रभुता और डेटा अधिकार वैश्विक सूचना प्रभुत्व के लिए अंतर्निहित विचार की प्रक्रिया है।
हमने गत वर्षो में कई साइबर हमले देखे हैं, और लगातार और भी सामने आ रहे हैं। दुनिया में सबसे बड़ी युवा शक्ति और बुद्धिमान आई.टी. बल होने के बावजूद हमारे पास अभी भी आई.टी. में वैश्विक शक्ति बनने का संकल्प नहीं है। “ग्राउंड जीरो शिखर सम्मेलन” इस दिशा में हमारा संकल्प है कि हम अपने देशवासियों के बीच इसके बारे में सहयोग और ज्ञान साझा करने के लिए जागरूकता पैदा करें, ताकि एक “रिंग ऑफ़ फायर” बनाया जा सके जो हमारी मातृभूमि को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी बाहरी खतरे को नष्ट करने में सक्षम हो।
हम शून्य के जनक हैं इस क्षेत्र के विकास में हमारे पूर्वजों के योगदान को समझने की जरूरत है।
“ग्राउंड जीरो शिखर सम्मेलन” की अवधारणा आई.टी. मानव संसाधनों को एक साथ एकीकृत करके और वैश्विक शक्ति बनने के संकल्प के साथ हर साल एक सम्मेलन करने के लिए की गई है।
राष्ट्र की सुरक्षा, जो कि हमारा सर्वोपरि लक्ष्य है, वह कल्याणकारी-राज्य निवारक प्रणालियों और विश्वसनीय शासन की तिपाई पर आधारित है। साइबर क्षेत्र के लक्ष्य सुनिश्चित करने में रचनात्मक रूप से सम्मिलित होने के सभी गुण है, इसके साथ ही प्रक्रियाओं को बाधित करने और नाकाम करने की जबरदस्त क्षमता है। साइबर क्षेत्र के हथियार निरंकुश तरीके से उपलब्ध हैं और अज्ञात रूप से इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इसीलिए यह विभिन्न राष्ट्रों और उनके क्षेत्रीय, वैश्विक गठबंधनो के लिए एक बड़ी चुनौती है।
एक राष्ट्र के रूप में हमें साइबर अटैक से निपटने के लिए जागरूक, सतर्क और क्रियाशील रहना चाहिए। इस दिशा में हम आने वाले 5 – 6 अगस्त को साइबर सुरक्षा प्रोफेशनल, निर्णयकर्ता, रक्षा विशेषज्ञ, कॉरपोरेट्स और नवोदित युवा नेटीज़ की एक श्रृंखला के साथ, डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में “साइबर महोत्सव” का जश्न मनाने और एक साथ आने का संकल्प लेने के लिए एकत्रित होंगे-एक प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण और उदीयमान डिजिटल भारत बनाने के लिए।