अर्जुन सिंह
चंडीगढ़ l देश के शहीदों और महान विभूतियों के सम्मान में सड़को, इमारतों और संस्थानों के नामकरण का रीवाज काफी पुराना है। इसी रीवाज के तहत शहीद ए आजम भगत सिंह के नाम पर भी चंडीगढ़ स्थित एयरपोर्ट का नामकरण भी किया जाना था। लेकिन जानकर आश्चर्य होगा कि पिछले 13 वर्षों से यह नामकरण मोहाली और चंडीगढ़ की राजनीति के बीच फंसा हुआ है। समाजसेवी हरपाल राणा को आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 में पंजाब विधानसभा सें केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय को चंडीगढ़ स्थित अंतर्राष्ट्रीय सिविल एयर टर्मिनल का नाम शहीद सरदार भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मोहाली रखने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी 2010 में इसका नामकरण सरदार भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चंडीगढ़ करने का प्रस्ताव दिया गया।
दोनों राज्य सरकारें सरदार भगत सिंह के नाम पर तो सहमत हैं, लेकिन पंजाब सरकार इसके साथ मोहाली तो हरियाणा सरकार चंडीगढ़ जोड़ना चाहती है। मंत्रालय ने दोनों राज्य सरकारों के बीच मत भिन्नाता को ध्यान में रखते हुए इस मामले का समाधान करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस मामले में केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री ने पंजाब एवं हरियाणा सरकारों से 2016 में पत्र के माध्यम से आग्रह किया था कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नए सिविल एयर टर्मिनल का नाम शहीद भगत सिंह एयरपोर्ट, चंडीगढ़ के नाम पर रखने के प्रस्ताव पर दोबारा विचार किया जाए। लेकिन दोनों राज्य सरकारें अपने रुख पर कायम रहीं।
राणा इस सम्बन्ध में सात वर्षो से कार्य कर रहे है, उनके द्वारा इसपर वाहन और कई साईकिल यात्राएं कर जागरूकता एवं हस्ताक्षर अभियान चलाये गए, जिसमें जनवरी 2020 को पंजाब के राज्यपाल से मिले, तो अगस्त 2020 को प्राप्त पत्र में पंजाब के मुख्यमंत्री के द्वारा स्वयं व्यक्तिगत लिखे गए पत्र में विभाग से कार्रवाई करने को कह चुके है। लेकिन शहीदों पर सभी प्रयास नाकामयाब रहे, वही राणा ने 21 मार्च 2022 को से चंडीगढ़ पहुंच राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन देकर 23 मार्च शहीदी दिवस पर में इसकी घोषणा करने का आग्रह किया। इस सम्बन्ध में राणा बताते है कि सरकारें आजादी के 75वं अमृत महोत्सव मना रही है, शहीद भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी थे।