वॉशिंगटन: अनंत अंतरिक्ष की यात्रा पर निकले नासा के वॉयजर 1 यान से फोन आना बंद हो गया है। बताया जा रहा है कि वॉयजर 1 यान के एक कंप्यूटर में गड़बड़ी की वजह से 46 साल पुराने इस अंतरिक्षयान से मिशन की टीम का संपर्क नहीं हो पा रहा है। नासा के इंजीनियर इस समय समस्या को सुलझाने में लगे हुए हैं। यह अंतरिक्षयान स्पेस में हमारे सोलर सिस्टम से बाहर उन जगहों की खोज में निकला है जहां तक अभी कोई नहीं पहुंचा है। वॉयजर 1 ऐसा पहला स्पेसक्राफ्ट है जो सबसे ज्यादा दूरी (24 अरब किलोमीटर) तक पहुंचा है।
वहीं इसका जुड़वा भाई वॉयजर- 2 ने धरती से 20 अरब किमी की दूरी अब तक तय कर ली है। ये दोनों ही अनंत अंतरिक्ष में पहुंच चुके हैं और वे ऐसे अकेले स्पेक्राफ्ट हैं जो इतनी दूर पहुंचकर भी सक्रिय हैं। इन अंतरिक्ष यान को पहले 5 साल के लिए डिजाइन किया गया था लेकिन वे 46 साल से सक्रिय हैं। ये इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक संचालित किए जाने वाले स्पेसक्राफ्ट हैं। इन अंतरिक्ष यानों की इतनी लंबी यात्रा बहुत चुनौतियों से भरी रही है। इन यान के अंदर 3 कंप्यूटर लगे हुए हैं।
नासा को संदेश भेजने में 22.5 घंटे लग रहे
इसमें एक फ्लाइट डेटा सिस्टम भी शामिल है जो स्पेसक्राफ्ट के वैज्ञानिक उपकरणों से सूचना इकट्ठा करता है और इंजीनियरिंग के डेटा से जोड़ता है। यह वॉयजर 1 की वर्तमान हालत को दर्शाता है। धरती पर मिशन कंट्रोल से जुड़े वैज्ञानिक बाइनरी कोड के रूप में इन आंकड़ों को वॉयजर से प्राप्त करते हैं। लेकिन वॉयजर 1 का फ्लाइट डेटा सिस्टम अब आटो रिपीट में फंस गया है। नासा के वैज्ञानिकों को सबसे पहले 14 नवंबर को इस गड़बड़ी की जानकारी मिली।
वॉयजर 1 ने एक ही पैटर्न पर वन और जीरो भेजना शुरू कर दिया। यह स्पेसक्राफ्ट अभी भी नासा के भेजे कमांड को हासिल कर सकता है लेकिन समस्या यह है कि वॉयजर से कोई भी डेटा धरती पर आ नहीं पा रहा है। नासा ने कहा कि वॉयजर की टीम ने इस सप्ताह स्पेसक्राफ्ट को फ्लाइट डेटा सिस्टम को रीस्टार्ट करने का कमांड दिया लेकिन कोई भी काम का आंकड़ा धरती पर वापस नहीं आया। नासा के इंजीनियर अब और ज्यादा सूचनाएं इकट्ठा करने में जुट गए हैं। इससे पहले साल 1981 में इसी तरह की समस्या वॉयजर 1 के साथ आई थी। वॉयजर 1 अभी धरती से इतना दूर है कि उसे कोई भी संदेश यहां से भेजने में 22.5 घंटे लग रहे हैं। नासा की टीम को अभी जवाब के लिए 45 घंटे तक इंतजार करना होगा।