मुंबई : एनसीपी पर कब्जे की लड़ाई के बीच महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजीत पवार और कई अन्य एनसीपी नेताओं ने शरद पवार से मुंबई में मुलाकात की। इन नेताओं में प्रफुल्ल पटेल, मंत्री दिलीप वालसे पाटिल, हसन मुशरिफ, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे और डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरावल भी थे। इन लोगों ने प्रदेश के सेक्रेट्रिएट मंत्रालय के करीब स्थित वाईबी चव्हाण सेंटर पर शरद पवार से मुलाकात की। वहीं, विपक्ष की बैठक से पहले दो दिन में दूसरी बार शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात ने सियासी सुगबुगाहटों को तेज कर दिया है।
प्रफुल्ल का कहना है यह
इस दौरान कभी शरद पवार के बेहद करीबी माने गए प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हम लोग अपने आदर्श से आशीर्वाद लेने आए थे। हम लोग उन्हें बिना सूचना दिए ही यहां आए थे। उन्होंने कहा कि हम एनसीपी को एकजुट रखना चाहते हैं। इसलिए हमने पवार साहब से इस पर विचार करने और हमें गाइड करने के लिए कहा। हालांकि उन्होंने सिर्फ हमें सुना और कोई जवाब नहीं दिया। प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमने उन्हें अपने आने की जानकारी नहीं दी थी। हमें पता चला कि वो ऑफिस में हैं तो हम उनका आशीर्वाद लेने पहुंच गए।
पाटिल ने कहा उन्हें पछतावा हो रहा
इस बीच एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र अव्हाड भी वाईबी चव्हाण सेंटर पहुंचे। पाटिल ने कहा कि अजित पवार गुट को पछतावा हो रहा है। उन्होंने शरद पवार से गुहार लगाई है कि इस मुश्किल से कोई रास्ता निकालें। जयंत पाटिल ने आगे कहा कि हम अपने स्टैंड पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि शरद पवार गुट के पास 19 विधायकों का समर्थन है। अगर बगावत करने वाले भी वापस लौट आते हैं तो हम इसके लिए हमेशा तैयार हैं।
विपक्ष की बैठक से पहले एक और ट्विस्ट?
अजित पवार गुट की शरद पवार गुट से मुलाकात से सियासी सुगबुगाहटें तेज हो गई हैं। गौरतलब है कि यह सब संयुक्त विपक्ष की दूसरी बैठक से ठीक दो दिन पहले हुआ है। यह बैठक बेंगलुरू में 18 जुलाई को होने वाली है। इससे पहले बिहार के पटना में संयुक्त विपक्ष की पहली बैठक हुई थी। इस बैठक में शरद पवार भी शामिल हुए थे। बता दें कि शुक्रवार को अजित पवार, अपने चाचा के निवास पर भी गए थे। वहां पर उन्होंने अपना ऑपरेशन कराकर लौटी चाची प्रतिभा पवार से मुलाकात की थी। बताया जाता है कि अजित पवार अपनी चाची के बेहद करीब हैं। साल 2019 में जब अजित देवेंद्र फडणवीस के साथ गए थे तब उन्हें एनसीपी में वापस लाने में प्रतिभा पवार का हाथ बताया गया था।