उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली का तत्वाधान म एक प्रतिनिधि मण्डल गुरूवार, 21 जुलाई, 2022 खुणि गढ़वाल का सांसद व श्री तीरथ सिंह रावत जी तैं भेंट कैरीकि एक पत्र अर विगत केन्द्र सरकार तैं गढ़वळि, कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर दियों ज्ञापना छाया प्रति बि सौंपि। अर मांग कैरि कि गढ़वळि, कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर माननीय सांसद बि जतन कारन। यां का सन्दर्भ श्री रावत जीन बतै कि गढ़वळि, कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच का प्रयास सराहनीय छन। सांसद महोदय न अपणां तरपां बिटिन हर संभव मौ-मदद कना भर्वसु देन अर बोलि कि हमरा स्तर परैं बि जतन जारि छन।
श्री तीरथ सिंह रावत से मंच का संयोजक दिनेश ध्यानी ला अनुरोध कैरि कि गढ़वळि, कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर मंच तैं आपौ सक्रिय सहयोग चैणों। श्री रावत जी न बोलि कि मि हर प्रकार से आप लोगों का दगड़ि छौं अर गढ़वळि, कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर मेरि बि चिन्ता चा कि यों भाषाओं तैं उचित सम्मान मिलण चैंद।
उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच पिछला 2016 बिटिन दिल्ली एनसीआर अर श्रीनगर गढ़वाल अर देहरादून म बच्चांे तैं गढ़वळि, कुमाउनी पढाणों। यां का खातिर ग्रीष्मकालीन कक्षाओं को आयोजन करे जाणों चा। अमणि हमरि भाषा संकट का दौर से गुजरणी चा। विगत 2 अर 3 अप्रैल, 2022 खुणि गढ़वाल भवन म गढ़वळि अर कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल करणा खातिर गढ़वळि, कुमाउनी, जौनसारी भाषाओं को अखिल भारतीय सम्मेलन को आयोजन कैरि छौ। यांका अतिरिक्त मंच बगत-बगत परैं भाषाई सरोकारों का खातिर गोष्ठी अर सेमिनार आयोजित करणों रैंद।
ज्ञातव्य हो कि यां से पैलि बि पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सतपाल महाराज न, वर्तमान केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री श्री अजय भट्ट लोक सभा म बतौर सांसद गढ़वळि, कुमाउनी भाषा तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल करणा खातिर बात राखि छै। उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच बि द्वी बार पैलि रासबिहार दिल्ली म उत्तराखण्ड महाकुंभ समारोह म तत्कालीन भाजपा उत्तराखण्ड प्रभारी श्री श्याम जाजू तैं अर हैंका दौं श्री अजय भट्ट तैं बि गढ़वळि, कुमाउनी भाषा तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल करणा खातिर ज्ञापन सौंपि छौ पण अमणि तलक कुछ सार्थक पहल नि ह्वै। श्री तीरथ सिंह रावत न प्रतिनिधि मण्डल तैं बोलि कि मि ये मामला म अपणां तरपां बिटिन पूरि कोशिश करलु कि हमरि गढ़वळि, कुमाउनी भाषा तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल करे जौ। लेकिन लोगों तैं बि ता अपणि भाषा म बात कर्यों चैंद अर नै पीढि तैं बि अपणि भाषा से लगाव होण चैंद। श्री रावत न बोलि कि अमणि घर, गौं म बि लोग गढ़वळि, कुमाउनी म बात नि करदन। स्य भौत सोचनीय बात छ हमरा समाज का वास्ता।
प्रतिनिधि मण्डल म सर्वश्री अनिल पन्त, भगवती प्रसाद जुयाल, दर्शन सिंह रावत, प्रतिबिम्ब बड्थ्वाल, उमेश चन्द्र बन्दूणी, दिनेश ध्यानी शामिल छया। उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच का माध्यम से सब्बि साहित्यकार अर भाषा प्रेमियों से आशा करे जांद कि हम जख बि छंवा अपणि भाषा अर संस्कृति का वास्ता जतन कर्याें चैंद। तबी हमरि भाषाओं तैं उचित सम्मान अर स्थान मिलण।