नई दिल्ली l यूक्रेन-रूस तनाव पर भारत के निष्पक्ष और स्वतंत्र रुख का रूस ने स्वागत किया है. भारत में रूस के कार्यवाहक राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा है कि रूस पर हालिया प्रतिबंधों का असर एस-400 मिसाइल सिस्टम और भारत द्वारा खरीदे गए अन्य रक्षा उपकरणों की डिलीवरी पर नहीं होगा. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मॉस्को की चल रही यात्रा से भारत और रूस के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोमन बाबुश्किन ने स्पष्ट किया कि रूस-पाकिस्तान आर्थिक संबंधों पर चर्चा कर रहे हैं. पाकिस्तान से रूस रक्षा संबंध स्थापित करने की नहीं सोच रहा. बाबुश्किन ने कहा कि रूस अपनी नीति पर अभी भी टिका हुआ है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र क्षेत्र की मान्यता दे दी थी जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक आपात बैठक बुलाई गई थी. अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस के इस कदम की कड़ी आलोचना की थी और रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे.
आपात बैठक में भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने क्षेत्र के विकास और सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील की थी. भारत ने कहा था कि कूटनीतिक बातचीत से ही समस्या का समाधान किया जा सकता है.
अब जबकि रूस ने यूक्रेन पर हमले शुरू कर दिए हैं, भारत ने अपना निष्पक्ष रुख बरकरार रखा है. यूएन में फिर से भारत ने कहा है कि तनाव को तत्काल कम करने की जरूरत है.
भारत के रुख की सराहना करते हुए रूसी राजनयिक ने कहा, ‘भारत ने इस मुद्दे पर जो रुख अपनाया है, रूस इसका स्वागत करता है. भारत एक वैश्विक शक्ति की अपनी स्थिति के अनुसार काम कर रहा है. भारत हमेशा एक संतुलित और स्वतंत्र रुख अपनाता है.’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तरों पर हालिया तनाव को लेकर चर्चा की है. उन्होंने कहा कि हमारा सहयोगी भारत अच्छी तरह से जानता है कि पुतिन ने ऐसा क्यों किया. रूसी राजनयिक ने साथ ही ये भी कहा कि रूस को उम्मीद है कि भारत समेत उनके सभी सहयोगी देश दोनेत्स्क और लुहान्स्क की स्वतंत्रता को मान्यता देंगे.
रूसी राजनयिक ने कहा कि अमेरिका के हालिया वित्तीय प्रतिबंध और CAATSA कानून का असर 5 बिलियन डॉलर के S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद पर नहीं पड़ेगा. भारत रूस से S-400 मिसाइल खरीद रहा है लेकिन उसे डर है कि अमेरिका CAATSA कानून के तहत उस पर प्रतिबंध लगाएगा. अमेरिका रूस से रक्षा सौदा करने वाले देशों पर इस कानून का इस्तेमाल करता है.
राजनयिक ने कहा, ‘रक्षा खरीद को हमारे समझौतों और चर्चा की गई समयसीमा के अनुसार ही पूरा किया जा रहा है, और प्रतिबंधों से इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा.’