नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में बीजेपी की 6 सीटें इस बार भले ही कम हो गई हैं। लेकिन, बुधवार यानी 10 जुलाई, 2024 को 4 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर उसका मनोबल काफी ऊंचा है।
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने इस बार के लोकसभा चुनावों में 42 सीटों में से 29 पर विजय हासिल करके पिछले लोकसभा चुनाव का हिसाब चुकता किया है। लेकिन, विधानसभा उपचुनावों को लेकर उसके हौसले मंद लग रहे हैं।
4 विधानसभा सीटों में से 3 पर बीजेपी जीती थी चुनाव
बुधवार को जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वे हैं- मानिकतला, रायगंज, रानाघाट दक्षिण और बागदाह। 2021 के विधानसभा चुनावों में इनमें से रायगंज, रानाघाट दक्षिण और बागदाह में बीजेपी जीती थी। जबकि, मानिकतला से टीएमसी के साधन पांडे चुनाव जीते थे।
बीजेपी के तीनों विधायक टीएमसी में हो गए थे शामिल
भाजपा की जीती हुई तीनों सीटों के विधायक पार्टी छोड़कर टीएमसी में चले गए थे, इसलिए वहां उपचुनाव करवाए जा रहे हैं। जबकि, मानिकतला के विधायक पांडे के निधन की वजह से वहां उपचुनाव की जरूरत पड़ी है, जहां से तृणमूल ने उनकी पत्नी सुप्ति पांडे को प्रत्याशी बनाया है। यहां पिछली बार भले ही टीएमसी जीती थी, लेकिन ये सीट परंपरागत तौर पर कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है।
बीजेपी के पास क्यों है बदला लेने का मौका?
इस उपचुनाव में भाजपा का मनोबल ऊंचा रखने के पीछे तीन फैक्टर काम कर रहे हैं। पहला, चार में से तीन सीटें पिछली बार उसकी जीती हुई हैं। दूसरा, बीजेपी से बगावत करने वाले पार्टी के तीनों पूर्व विधायक लोकसभा चुनावों में टीएमसी के टिकट पर उससे चुनाव हार चुके हैं; और तीसरा सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि बीते लोकसभा चुनावों में इन तीनों ही विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को पर्याप्त बढ़त मिली है।
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन केंद्रीय मंत्री और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (LOP) सुवेंदु अधिकारी ने रायगंज में साझा अभियान चलाया और इस मौके पर अधिकारी ने कहा, ‘रायगंज के लोग तृणमूल को जवाब देंगे। रायगंज सनातन धर्म के लिए मतदान करेगा।’
बीजेपी छोड़ने वाले तीनों नेता हार गए लोकसभा का चुनाव
2021 में रायगंज से बीजेपी की कृष्णा कल्याणी, रानाघाट से मुकुट मणि अधिकारी और बागदाह से बिस्वजीत दास जीते थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा के कार्तिक पॉल ने कल्याणी को रायगंज में, रानाघाट में पार्टी के जगन्नाथ सरकार ने मुकुट मणि को और मतुआ नेता शांतनु ठाकुर ने बनगांव में दास को चुनाव हराया है।
मौजूदा परिस्थितियों में अगर बीजेपी ने लोकसभा चुनावों वाला प्रदर्शन कायम रख लिया तो इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी टीएमसी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जाएगा। क्योंकि, इसका जो राजनीतिक संदेश निकलेगा, उसका प्रभाव पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण होगा।