नई दिल्ली : देश में मंगलवार को दो बड़ी राजनीतिक गतिविधियां हो रही हैं. पहली बेंगलुरु में… यहां दो दिन से विपक्षी दलों का महाजुटान चल रहा है. आज इसका अंतिम दिन है. इसमें 26 विपक्षी दल शामिल हुए हैं. वहीं दूसरी दिल्ली में… यहां बीजेपी ने एनडीए दलों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में 38 दल शामिल हो रहे हैं. यूपीए और एनडीए की ये बैठकें भले ही आगामी लोकसभा चुनाव पर रणनीति तैयार करने के लिए बुलाई गईं हो लेकिन इन बैठकों के जरिए यह भी बताने की कोशिश की जा रही है कि कितने दल किसके साथ हैं यानी कौन-कितना दमदार है.
वैसे दोनों की गठबंधन दलों की संख्या बताकर अपनी पावर का प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि इस संख्या से इन गठबंधनों की ताकत का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता क्योंकि दोनों गठबंधनों में शामिल आधे से जयादा दलों में एक भी सांसद नहीं हैं. आंकड़ों की गणना करने पर पाया गया कि यूपीए में शामिल 26 में से 13 यानी 50 फीसदी दलों में एक भी सांसद नहीं है. इसी तरह एनडीए में शामिल 38 दलों में 25 यानी 65.78 फीसदी दलों में सांसद नहीं हैं. हालांकि इन दलों के उनके क्षेत्र में प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. देखें पूरी लिस्ट
यूपीए में सबसे मजबूत दल कांग्रेस ही है. इसके पास 52 विधायक हैं. इसके बाद डीएमके के 23, टीएमसी के 22 और जेडीयू के 16 विधायक हैं.
विपक्ष इस एजेंडे पर करेगी बात
- 2024 के आम चुनावों के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की ड्रॉफ्टिंग और गठबंधन के लिए जरूरी कम्यूनिकेशन पॉइंट्स तैयार करने के लिए एक सब कमेटी स्थापित करना.
- राज्य के आधार पर सीट साझा करने के मामले पर चर्चा करना, पार्टियों के सम्मेलनों, रैलियों और दो दलों के बीच विरोधाभासों को दूर करने के लिए एक सब कमेटी बनाना
- गठबंधन के लिए एक नाम सुझाव देना, प्रस्तावित गठबंधन के लिए एक सामान्य सचिवालय की स्थापना करना.
- ईवीएम के मुद्दे पर चर्चा करना और चुनाव आयोग के लिए सुधार सुझाव देना.