प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली: भारत समेत सात देशों में 13 लाख से अधिक लोग हर साल धूम्रपान से होने वाले कैंसर से अपनी जान गंवा देते हैं। दुनिया में हर साल कैंसर से जितने लोगों की मौत होती है उनमें आधे से अधिक भारत, चीन, ब्रिटेन, ब्राजील, रूस, अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के मरीज होते हैं। लांसेट की ‘ई क्लीनिकल मेडिसीन’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
शोधकर्ताओं के अनुसार धूम्रपान एवं तीन अन्य जोखिमपूर्ण कारकों- मद्यपान, मोटापा और ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) से 20 लाख लोगों की जान चली जाती है। ये ऐसे कारक हैं जिनका रोकथाम संभव है। ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’, क्वीन मैरी लंदन विवि व ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज के शोधकर्ताओं ने मिलकर यह अध्ययन किया है।