नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी ने खुद को साबित किया। एमसीडी में 15 साल से काबिज भाजपा को हटा कर आप ने अपना कब्जा कर लिया है। हम बात कर रहे हैं कि इस चुनाव में जीतने के बाद आम आदमी पार्टी के सामने एमसीडी में किस तरह की चुनौतियां और अवसर होंगे। एमसीडी पर नियंत्रण हासिल करने के बाद आप के पास कचरा हटवाने, सड़क किनारे की नालियों की साफ-सफाई कराने और दिल्ली के विभिन्न इलाकों में साफ-सफाई करवाने समेत अन्य कई बड़ी जिम्मेदारियां होगी। इसके अलावा दिल्ली के तीन बड़े कूड़ों के पहाड़ को छोटा करने की बड़ी जिम्मेदारी भी आप के पास होगी। पार्टी ने कूड़े के पहाड़ को लेकर कई बड़े वादे भी किये थे। इन सब के अलावा एमसीडी के तहत आने वाले स्कूलों की स्थिति सुधारने की जिम्मेदारी भी आप के पास होगी।
आम आदमी पार्टी के पास यह मौका है कि वो डबल इंजन का इस्तेमाल कर अपने ‘दिल्ली मॉडल’ को और मजबूत करे। डबल इंजन से यहां मतलब है कि दिल्ली में आप की सरकार पहले से है और अब दिल्ली नगर निगम पर भी उसका कब्जा हो चुका है। केजरीवाल सरकार दावा करती आई है कि उसके ‘दिल्ली मॉडल’ में स्वास्थ्य, शिक्षा और जन कल्याण से जुड़ी नीतियां शामिल हैं और वो अक्सर अपने इस मॉडल की तारीफ भी करती रहती है।
विभिन्न हड़तालों को खत्म करने का मौका
पिछले कुछ सालों में दिल्ली में एमसीडी कर्मचारियों ने कई बार हड़ताल किये। अपनी पेंडिंग सैलरी को लेकर स्कूल शिक्षक, चिकित्सक, नर्स, माली और सफाई कर्मचारी कई बार हड़ताल कर चुके हैं। इसकी एक वजह यह भी मानी जाती है कि चूकि इससे पहले तक एमसीडी पर भाजपा का शासन था और सरकार में आम आदमी पार्टी बैठी थी और इसलिए फंड को लेकर समस्या हर बार सामने आ जाती थी। लेकिन अब इन दोनों ही जगहों पर आप का नियंत्रण होगा। ऐसे में यह उम्मीद की जानी चाहिए की एमसीडी की यह पुरानी समस्या खत्म हो जाएगी।
भ्रष्टाचार से कैसे लड़ेंगे
आम आदमी पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के दौरान हुआ था। आप यह कहती आई है कि एमसीडी में बड़ा भ्रष्टाचार है। ऐसे में इस भ्रष्टाचार को साफ करना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। बड़ी चुनौती इसलिए भी क्योंकि आम आदमी पार्टी के बड़े चेहरे मसलन- मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत खुद भी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
एमसीडी को मुख्य तौर से प्रॉपर्टी टैक्स, टोल टैक्स, प्रचार, पार्किंग कॉन्ट्रैक्ट, कन्वर्जन चार्जेज से आमदनी होती है। साल 2021-2022 में इन पांचों स्त्रोतों से एमसीडी की कुल आमदनी करीब 3600 करोड़ रुपये थी। दूसरी तरफ एमसीडी में हर साल सैलरी पर करीब 9200 करोड़ का खर्च आता है। जाहिर है फाइनेंस के स्तर पर आम आदमी पार्टी को एमसीडी में चुनौतियों का सामना करना होगा।