नई दिल्ली। दुनियाभर में कई सारी ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। यह धरोहरें न सिर्फ पुरानी संस्कृति का एहसास कराती हैं, बल्कि खुद से जुड़े किस्से और कहानियों को भी बयां करती हैं। तो हर साल 18 अप्रैल का दिन दुनियाभर में विश्व धरोहर दिवस यानी वर्ल्ड हेरिटेज डे के रूप में मनाया जाता है। कैसे हुई थी इन दिन को मनाने की शुरुआत, इसका इतिहास और महत्व आइए जानते हैं।
विश्व धरोहर दिवस का इतिहास
विश्व धरोहर दिवस को साल 1982 में 18 अप्रैल के दिन मनाने करने की घोषणा की गई थी और इसके 1 साल बाद ही यानी साल 1983 में यूनेस्को महासभा ने इसे पूरी तरह से मान्यता दे दी, जिससे लोगों में सांस्कृतिक विरासत के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़े और वो इसे देखने के साथ ही इसके संरक्षण को लेकर भी अपनी जिम्मेदारी समझें। साल 1982 में 18 अप्रैल के दिन इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट के द्वारा पहला ‘विश्व विरासत दिवस’ ट्यूनीशिया में सेलिब्रेट किया गया था।
वर्ल्ड हेरिटेज डे 2023 की थीम
1983 के बाद से, स्मारकों और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद ने एक विषय निर्धारित किया है और हर साल इसे अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल विश्व विरासत दिवस ‘हेरिटेज चेंजेस’ थीम के तहत मनाया जाएगा।
विश्व धरोहर दिवस का उद्देश्य
18 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व धरोहर दिवस का उद्देश्य है दुनियाभर में मानव इतिहास से जुड़े ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों को संरक्षित किया जाए, जिसके लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।
विश्व धरोहर दिवस का महत्व
पर्यटन बहुत ही बड़ा माध्यम बना है लोगों को इन धरोहरों को देखने और जानने का। देश के अलग-अलग देशों में स्थित ये धरोहरें प्रकृति के साथ मानव के रचनात्मकता और कलात्मकता को बयां करती हैं। तो इन्हें संरक्षित करना हर एक नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए।
इटली के पास 58 साइट्स
वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स। जिसे आप इतिहास की वह यादें कह सकते हैं, जो आज भी हमारे सामने खड़े हैं। इन वर्ल्ड हेरिटेज प्लेसेज की देखरेख का काम अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनेस्को करती है। यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स को लेकर आई नई रिपोर्ट की बात करें तो दुनिया में इटली एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास सबसे ज्यादा कुल 58 यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं।
चीन में मौजूद हैं 56 हेरिटेज साइट्स
क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो चीन दुनिया का सबसे बड़ा देश है। हेरिटेज साइट्स में यह दूसरे नंबर पर आता है। चीन के पास कुल 56 ऐसी जगहे हैं, जिन्हें यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया है जबकि तीसरे नंबर पर जर्मनी आता है जिसके पास 51 ग्लोबल साइट्स हैं। चौथे नंबर पर स्पेन है, उसके पास 49 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं। फ्रांस लिस्ट में पांचवें नंबर पर है उसके पास 41 साइट्स हैं।