ज्योतिष में भगवान सूर्य देवता को सभी ग्रहों का राजा माना गया है. सूर्य ग्रह यश, बल और वैभव का प्रतीक हैं. सूर्य देव की नियमित पूजा करने से भाग्य का उदय होता है और जीवन में तरक्की मिलती है. अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह दोष हो तो उसे प्रतिदिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. भगवान सूर्य को अर्घ्य देते समय विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है. सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि भगवान सूर्य को जल चढ़ाने का शास्त्रों में भी खास महत्व बताया गया है. सूर्य मंत्र का जाप करना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है.
सूर्य देव का दिव्य शक्ति मंत्र
सूर्य देव के प्रतिदिन दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शास्त्रों के अनुसार, सूर्य देव की कृपा पाने के लिए नियमित रूप से सूर्योदय के समय उन्हें एक लोटा जल अर्पित करना चाहिए. साथ में सूर्य देव के निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए. इस उपाय से व्यक्ति के जीवन में सफलता के द्वार खुलते हैं. जीवन में यश और मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
एहि सूर्य! सहस्त्रांशो! तेजो राशे! जगत्पते!
अनुकम्प्यं मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर!
इस मंत्र का जाप सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय करना चाहिए.
इन बातों का रखें ध्यान
हमेशा उगते सूरज को ही जल चढ़ाना चाहिए. अर्घ्य देने के बाद तीन परिक्रमा ज़रूर लगानी चाहिए. साथ में मंत्र का जाप कर धरती माता के चरण छूने चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, लाल कपड़े पहनकर सूर्य देव को जल चढ़ाना शुभ माना जाता है. अर्घ्य देने से पहले लोटे में पानी में रोली या फिर लाल चंदन डाल दें. फिर उस पानी को सूर्य देव को अर्पित करें. सूर्य को अर्घ्य देते समय आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए. इससे सूर्य की कृपा हमेशा आप पर बनी रहेगी.