नई दिल्ली : मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना में आवेदन करने वाले बुजुर्गों के लिए जल्द ही ट्रेनें शुरू होने जा रही हैं। करीब डेढ़ महीने के बाद 14 फरवरी से तीर्थयात्रा योजना फिर से शुरू हो रही है। पहली ट्रेन द्वारकाधीश मंदिर के लिए रवाना होगी। दिल्ली सरकार और रेलवे के बीच बातचीत के बाद यह तय हो गया है कि 14 फरवरी से तीर्थयात्रा योजना को फिर से शुरू किया जाएगा l
फरवरी में फिर बहाल हो सकती है तीर्थ यात्रा योजना
द्वारकाधीश के बाद दूसरी ट्रेन रामेश्वरम के लिए जाएगी। तीर्थयात्रा योजना के तहत आवेदन करने वालों में बड़ी संख्या रामेश्वरम तीर्थस्थल की यात्रा के लिए होती है। तीर्थयात्रा विकास समिति के चेयरमैन कमल बंसल का कहना है कि रामेश्वरम के लिए 18 फरवरी को दूसरी ट्रेन जाएगी। उनका कहना है कि रामेश्वरम और द्वारकाधीश के लिए बड़ी संख्या में आवेदन हैं। रेलवे अधिकारियों के साथ बातचीत में अभी दो ट्रेनों का शेड्यूल फाइनल किया गया है और उम्मीद है कि इस योजना में कुछ और ट्रेनें भी मिलेंगी, जिसके बाद दूसरे तीर्थस्थलों पर भी लोगों को दर्शनों के लिए भेजा जाएगा। अभी देश में कोविड की स्थिति और मामलों को देखते हुए तय किया जा रहा है कि किन-किन राज्यों के तीर्थस्थलों पर भेजा जा सकता है।
तीर्थयात्रा योजना में सबसे ज्यादा ट्रेनें रामेश्वरम के लिए गई हैं। एक ट्रेन में 1000 से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। तिरूपति, द्वारकाधीश, अमृतसर, अयोध्या, वैष्णो देवी, शिरडी, जगन्नाथपुरी, उज्जैन, अजमेर समेत कई तीर्थस्थलों के लिए ट्रेनें जा चुकी हैं। कोरोना के कारण करीब 23 महीने तक तीर्थयात्रा योजना स्थगित रही थी और पिछले साल 3 दिसंबर 2021 को तीर्थयात्रा योजना फिर से शुरू की गई थी और दिसंबर से लेकर 3 जनवरी तक करीब एक महीने के दौरान चार ट्रेनें अलग-अलग तीर्थस्थलों के लिए रवाना हुई थीं। जनवरी में कोविड की तेज रफ्तार के बीच एक बार फिर से तीर्थयात्रा रोकी गई थी।
रेलवे ने अभी दो ट्रेनें मुहैया करवाई हैं। द्वारकाधीश और रामेश्वरम की यात्रा 5 से 7 दिनों तक होती है और इस हिसाब से एक ट्रेन के आने के बाद दूसरी ट्रेन एक हफ्ते बाद रवाना होगी। 14 और 18 फरवरी को दो ट्रेनें रवाना होंगी और फरवरी-मार्च के लिए कुछ और ट्रेन का शेड्यूल फाइनल किया जा रहा है। तीर्थयात्रा पर जाने वालों में बुजुर्गों में महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा रही है। तीर्थयात्रा पर गए लोगों में से 68 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं थीं। अयोध्या के लिए 3 और 10 दिसंबर को ट्रेन गई थी। उसके बाद 18 दिसंबर को एक और ट्रेन द्वारकाधीश के लिए रवाना हुई थी।