नई दिल्ली : आतंकवाद को लेकर भारत का रुख कितना सख्त रहा है, यह 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक से ही समझा जा सकता है। इसी बीच अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवादियों पर होने वाली कार्रवाई को लेकर कहा कि आतंकियों को मारने में कोई नियम नहीं होने चाहिए क्योंकि वे खुद किसी भी तरह के नियम-कानून मानते हैं।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर दो टूक कहा कि 2014 के बाद से भारत की विदेश नीति में बड़ा बदलाव आया है और आतंकवाद से निपटने का यही सही तरीका है। उन्होंने कहा कि आतंकी जब नियम से नहीं खेलते हैं तो फिर उन पर पलटवार, नियम के तहत कैसे होगा?
पुणे में अपनी किताब ‘Why Bharat Matters’ के एक कार्यक्रम के दौरान एस जयशंकर ने कहा है कि इस मामले में किसी भी तरह के नियमों का पालन तो होना ही नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकी जहां भी दिखें, उन्हें मौका मिलते ही मार देना चाहिए।
पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध सबसे मुश्किल
खास बात यह रही कि उस कार्यक्रम के दौरान एस जयशंकर से यह भी पूछा गया कि भारत को किन देशों के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करने में सबसे ज्यादा समस्या होती है। जयशंकर ने इस सवाल का जवाब में पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा कि वह मुल्क पड़ोस में है और इसके लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
कश्मीर विवाद पर दिया बड़ा बयान
एस जयशंकर ने कहा कि 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया था। भारतीय सेना ने उनका मुकाबला किया और राज्य का भारत में विलय हो गया। उन्होंने आगे कहा कि जब भारतीय सेना कार्रवाई कर रही थी, तब हम रुक गए और संयुक्त राष्ट्र (UN) में गए और हमलावरों को आतंकवादियों के बजाय कबायली घुसपैठिए बताया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अगर हम शुरू से ही यह स्पष्ट कर देते कि पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है, तो हमारी नीति बहुत अलग होती। इस दौैरान उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता।