कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान प्रेस कांफ्रेंस की तो एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे दोनों नेता मल्लिकार्जुन खडग़े और शशि थरूर बड़े व कद्दावर नेता हैं और उनमें से जो जीतेगा उसे रिमोट कंट्रोल से नहीं चलाया जा सकेगा। यह बात शशि थरूर के मामले में सही हो सकती है कि वे जीतेंगे तो रिमोट कंट्रोल से नहीं चलेंगे। लेकिन वे जीतेंगे ही नहीं। क्योंकि मल्लिकार्जुन खडग़े अनधिकृत रूप से अधिकृत उम्मीदवार हैं। उनके पीछे नेहरू-गांधी परिवार का समर्थन है। इसलिए यह तय है कि खडग़े ही अध्यक्ष का चुनाव जीतेंगे और थरूर 10 फीसदी वोट भी हासिल नहीं कर पाएंगे।
अब सवाल है कि क्या खडग़े रिमोट कंट्रोल से संचालित नहीं होंगे? जिस दिन राहुल गांधी ने कहा कि खडग़े और थरूर को रिमोट कंट्रोल से नहीं चलाया जा सकता है उसी दिन खडग़े ने कहा कि वे इसलिए अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि गांधी परिवार से कोई चुनाव नहीं लड़ रहा है। सोचें, जब वे लडऩे के लिए तैयार ही इसलिए हुए क्योंकि परिवार से कोई नहीं लड़ रहा है तो उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है कि वे अपने हिसाब से फैसले करेंगे? खडग़े बड़े नेता हैं, उनका बड़ा अनुभव है और जमीनी पकड़ वाले नेता हैं इसके बावजूद वे पार्टी को वैसे ही चलाएंगे, जैसा राहुल गांधी चाहेंगे। लेकिन यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी उनके लिए स्वतंत्र अध्यक्ष की पोजिशनिंग कर रहे हैं।
इनपुट एजेंसी RNS