चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत 2 अप्रैल से हो रही है. नवरात्रि के 9 दिन क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस चैत्र नवरात्रि मां शैलपुत्री (Shailputri Puja Vidhi) की पूजा 2 अप्रैल को की जाएगी. आइए जानते हैं माता शैलपुत्री की की पूजा-विधि, मंत्र और पवित्र भोग के बारे में.
मां शैलपुत्री की पूजा का महत्व
मार्कण्डेय पुराण के मुताबिक मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा-अर्चना करने से अच्छी सेहत और मान-सम्मान का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके अलावा कुंवारी कन्याओं की शादी में आ रही बाधाएं भी खत्म हो जाती हैं. माता शैलपुत्री को सफेद पुष्प बेहद प्रिय है, इसलिए इनकी पूजा में सफेद फूल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. इसके अलावा इनकी पूजा में सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए. सफेद बर्फी या दूध से बनी शुद्ध मिठाइयों का भी भोग लगा सकते हैं. इसके अलावा माता को सफेद वस्त्र अर्पित करना लाभकारी होगा.
कैसे करें मां शैलपुत्री की पूजा?
नवरात्रि के प्रथम दिन शैलपुत्री की प्रतिमा या चित्र को लाल या सफेद रंग के शुद्ध आसन पर रखें. माता शैलपुत्री को सफेद रंग की चीजें प्रिय हैं. ऐसे में उन्हें सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पित करें. साथ ही सफेद वस्तुओं का भोग लगाएं. जीवन में नकारात्मक शक्तियों का नाश करने के लिए एक पान के पत्ते पर सुपारी, लौंग और मिश्री रखकर मां शैलपुत्री को अर्पित करें.
शैलपुत्री पूजा मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
शिवरूपा वृष वहिनी हिमकन्या शुभंगिनी
पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी
रत्नयुक्त कल्याणकारिणी
ओम् ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
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बीज मंत्र- ह्रीं शिवायै नम:
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्