नई दिल्ली l अगर आप भी दिल्ली की सड़कों पर सफर करते हैं तो आपको ट्रैफिक जाम जरूर मिलता होगा. इसी ट्रैफिक जाम से बचने और आम लोगों को सड़क पर सुरक्षा मुहैया कराने के लिए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने दिल्ली में एक नया नियम लागू कर दिया है. 1 अप्रैल से दिल्ली की 15 मुख्य सड़कों पर प्राइवेट, डीटीसी और क्लस्टर बसों के साथ भारी वाहन सिर्फ बस लेन (Delhi Bus Lane) में ही चल सकेंगे. उल्लंघन करने पर बस ड्राइवर का 10 हजार रुपये तक का जुर्माना या 6 महीने की कैद का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अगर आप भी अपना टू व्हीलर या फोर व्हीलर लेकर बस लेन में घुसते हैं तो आपका भी पहला जुर्माना 5 हजार रुपये तक देना पड़ेगा.
कई रास्तों पर लागू हुआ नियम
एक अप्रैल से महरौली-बदरपुर रोड में अनुव्रत मार्ग टी-प्वाइंट से पुल प्रहलादपुर टी-प्वाइंट तक, मोती नगर से द्वारका मोड़, ब्रिटानिया चौक से धौला कुआं, कश्मीरी गेट से अप्सरा बॉर्डर, आश्रम चौक से बदरपुर बॉर्डर, जनकपुरी से मधुबन चौक, सिग्नेचर ब्रिज से भोपुरा बॉर्डर, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन से आईएसबीटी कश्मीरी गेट और आईटीओ से अंबेडकर नगर के रास्ते पर इसे लागू किया गया है.
अभी भारी वाहनों पर नियम लागू
परिवहन विभाग के नोटिस के मुताबिक, वाहनों के लिए सीधी लेन में चलने के नियम शुरू हो गए हैं. आज से सिर्फ यह बसों और माल ढुलाई करने वाले वाहनों पर ही लागू है, लेकिन 15 दिन बाद इसको सब वाहनों पर लागू कर दिया जाएगा. हालांकि, इन सब चीजों पर नजर रखने के लिए परिवहन विभाग की इंफोर्स्मेंट टीम, डीटीसी और ट्रैफिक पुलिस की 50 टीमें दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर तैनात कर दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाया नियम
परिवहन विभाग ने इन नियमों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर लागू किया है. पहली बार अगर वाहन चालक कोई नियम तोड़ता है तो उसे पहली बार में 5 हजार का जुर्माना भरना पड़ेगा और अगर यह गलती दोहराता है तो यह जुर्माना 10 हजार या 6 महीने की कैद में तब्दील हो सकता है और उनके लाइसेंस और परमिट रद्द किया जा सकता है. इतना ही नहीं अगर भारी वाहन चालक कोई नियम तोड़ता है, तो उसे पहली बार में 10 हजार का जुर्माना भरना पड़ेगा. अगर यह गलती दोहराएगा तो उनके लाइसेंस और परमिट रद्द किया जा सकता है. हालांकि, टाउन प्लानर और आर्किटेक्ट दिक्षु कुकरेजा का कहना है कि जब तक लोग इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, तब तक इन नियमों से कुछ नहीं हो सकता, क्योंकि ऐसे नियम पहले भी बन चुके हैं.