ऋषिकेश। पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण बुधवार को परमार्थ निकेतन पहुंचे। वहां उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती व मानस कथाकार संत मुरलीधर से आध्यात्म को लेकर चर्चा की। बुधवार को परमार्थ निकेतन में चल रही श्रीराम कथा में पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण पहुंचे।
परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने पुष्पवर्षा और शंख ध्वनि से आचार्य बालकृष्ण का स्वागत किया। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की। स्वामी चिदानन्द ने कहा कि निर्माण करते हुये निर्वाण की यात्रा यही श्री राम कथा का सार है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि तीर्थ स्वयं में जागृत होते हैं। गंगा भी एक जागृत देवी हैं, अद्भुत तीर्थ हैं।
तीर्थ में कही गई कथा का फल भी अद्भुत होता है। कथा श्रवण कराने वाले भी जागृत तीर्थ के समान है। मानस कथाकार संत मुरलीधर ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण आयुर्वेद के माध्यम से लोगों की रोगमुक्ति के सेवा कार्य में लगे हुए हैं। इस दौरान स्वामी चिदानंद सरस्वती ने आचार्य बालकृष्ण को रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर सम्मानित किया।